नई दिल्ली: श्रीलंका के तीन खिलाड़ियों कुसल मेंडिस, निरोशन डिकवेला और दनुष्का गुणातिलाका ने पिछले महीने इंग्लैंड दौरे के दौरान बायो बबल का उल्लंघन किया था। कोविड-19 खतरे के कारण खिलाड़ियों के आने-जाने पर बैन होने के बावजूद मैच हारने के बाद ये तीनों खिलाड़ी सड़कों पर घूम रहे थे और फैंस ने इनकी वीडियो बनाई थी।
इसके बाद तीनों खिलाड़ियों को सीरीज के बीच में ही स्वदेश भेज दिया गया था। इस बीच, श्रीलंका के पूर्व बल्लेबाज अरविंद डी सिल्वा ने कहा है कि कुसल मेंडिस, निरोशन डिकवेला और दनुष्का गुणातिलका के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। डी सिल्वा ने कहा कि अनुशासन के मामले में तीनों खिलाड़ियों का रिकॉर्ड खराब है। उन्होंने कहा कि इन तीनों को पहले सजा नहीं दी गई थी, लेकिन इस बार उन्हें सबक सिखाने की जरूरत है।
डेली न्यूज एलके की रिपोर्ट के मुताबिक, एक टेलीविजन टॉक शो में बोलते हुए 1996 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य डी सिल्वा ने कहा, ‘ करियर की शुरुआत में भी इन तीनों खिलाड़ियों का रिकॉर्ड खराब रहा है। अगर हमने उस समय इन्हें सजा दी होती तो वे इस प्रकार की गलती नहीं दोहराते।
अगर हम उन्हें अब भी सजा नहीं देते हैं, तो वे इस घटना से कभी सबक नहीं सीखेंगे। उन्हें अपने दुर्व्यवहार का एहसास होना चाहिए था और विशेष रूप से उन्होंने मैदान के बाहर क्या गलती की थी। उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और देश का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। जब बायो-बबल बनाया जाता है तो उन्हें नियमों के अनुसार रहना पड़ता है।”