अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है। 45 लोग अभी लापता हैं। सेना ने शनिवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। 6 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया। उधर, माउंटेन रेस्क्यू टीम लापता लोगों की तलाश में जुट गई है। हालात को देखते हुए फिलहाल अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है। पवित्र गुफा के पास रेस्क्यू पूरा होने और रूट की मरम्मत के बाद ही यात्रा शुरू हो सकेगी।
जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने शुक्रवार रात को ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी। पहलगाम और बालटाल में बने बेस कैम्प से आगे किसी यात्री को जाने की इजाजत नहीं है। शनिवार सुबह बेस कैम्प के बाहर यात्रियों की जबरदस्त भीड़ जमा हो गई। सब यह जानना चाहते थे कि यात्रा दोबारा कब शुरू होगी, लेकिन प्रशासन की तरफ से उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है।
हादसे के बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह
शुक्रवार को पवित्र गुफा के पास आए सैलाब के बावजूद अमरनाथ यात्रा के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की हिम्मत में कोई कमी नहीं आई है। शुक्रवार की देर रात को जम्मू बेस कैंप से तीर्थयात्रियों का एक जत्था कश्मीर के बालटाल और पहलगाम बेस कैंप के लिए रवाना हुआ।
जम्मू से तीर्थ यात्रियों के 279 व्हीकल कॉन्वॉय में रवाना किए गए थे। हालांकि स्थानीय लोगों ने इसे प्रशासन का मिस मैनेजमेंट कहा है। उनका कहना है कि जम्मू के भगवतीपुर बेस कैंप में यात्रियों की तादाद ज्यादा हो गई थी, इसलिए यात्रा स्थगित होने के बावजूद तीर्थ यात्रियों को बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना कर दिया गया।
पवित्र गुफा के एक-दो किमी के दायरे में फटा बादल
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम 5 बजकर 30 मिनट बादल फटा था। जिस समय बादल फटा, उस समय गुफा के पास 10 से 15 हजार श्रद्धालु मौजूद थे। इस घटना में मरने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं।
ITBP ने बताया कि 15 हजार लोगों को पवित्र गुफा के पास से सुरक्षित पंचतरणी ले जाया गया है।
बादल फटने के कारण पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो से तीन लंगर बह गए। बारिश से पूरे इलाके में तेजी से पानी भर गया और कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कई श्रद्धालु लापता हैं और उनके तेज बहाव में बहने की आशंका है।