बुलंदशहर। अगर आप बिना नक्शा के मकान, स्कूल, व्यावसायिक भवन बना रहे हैं, या फिर बनाने वाले हैं तो रुक जाएगा। नहीं तो आपको एक लाख रुपये तक जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। दरअसल, जिला पंचायत क्षेत्र में अनियोजित रूप से मकानों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निर्माण कार्य मनमाने ढंग से कराए जाने की बात सामने आ रही है। इसको लेकर जिला पंचायत प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। भवन के निर्माण से पहले जिला पंचायत से नक्शा पास कराना अनिवार्य है। तीन सौ वर्ग मीटर या इससे अधिक आवासीय या व्यावसायिक भवनों के निर्माण के लिए जिला पंचायत परिषद से नक्शा स्वीकृत कराना अनिवार्य होगा। बिना स्वीकृति निर्माण कराने पर ऐसे भवन स्वामियों पर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही विभागीय कार्रवाई किए जाने का भी प्राविधान है।
पहले शहरी क्षेत्र में नक्शा पास कराना अनिवार्य था। ग्रामीण क्षेत्रों में बिना नक्शे के ही भवनों का निर्माण किया जाता रहा है। शासन के निर्देश के बाद अब ग्रामीण इलाकों में भी भवन निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृति कराने की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसके तहत भवन स्वामियों को व्यावसायिक समेत आवासीय भवन बनाने के लिए नक्शा पास कराना होगा। इसी आधार पर बैंक से लोन आदि भी मिलेगा। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में भवन निर्माण के लिए बैंक लोन में नक्शा आड़े आ रहा था। नक्शा-स्वीकृति के लिए जिला पंचायत में अर्जी देनी होगी। इसके बाद एक टीम सर्वे करने के बाद रिपोर्ट तैयार करेगी। इस आधार पर स्वीकृति या अस्वीकृति प्रदान की जाएगी। दरअसल बिना नक्शा के मकान बनाने वाले भवन स्वामियों की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है।
गठित टीम के पदाधिकारी इस बात की निगरानी कर रहे हैं कि भवन का निर्माण जिला पंचायत के नियम के अनुसार नक्शा पास करा कर कराया जा रहा है कि नहीं। उसके बाद अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। शहर में निर्माण कार्य के लिए संबंधित प्राधिकरण से नक्शा पास कराना आवश्यक होता है। इसी प्रकार अब बुलंदशहर विकास प्राधिकरण क्षेत्र से बाहर कहीं भी कोई निर्माण कार्य 300 वर्ग मीटर या इससे अधिक भूमि में कराया जाता है तो उसके लिए जिला पंचायत से नक्शा पास कराना जरूरी होगा। इसके अलावा प्लॉटिंग के लिए भी जिला पंचायत की अनुमति लेनी जरूरी होगी। हालांकि अभी तक गांवों में यह व्यवस्था लागू नहीं थी। बिना नक्शा पास कराए ही धड़ल्ले से मकान अथवा व्यावसायिक भवन बनाए जा रहे हैं। दरअसल यह नियम पुराना है, लेकिन अब शासन के आदेशों पर इस पर सख्ताई से पालन होगा। इसके अलावा जिला पंचायत कर वसूली के मामले में भी पीछे चल रहा है। ऐसे में इस मामले में अब सक्रियता बढ़ गयी है।
अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी ने बताया भवन निर्माण के नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इसके लिए जिला पंचायत की टीमें चक्रमण करेंगी। कर्मचारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए लोगों को प्रेरित भी किया जाएगा। पूर्व में भी नक्शा स्वीकृत कराने का नियम था, लेकिन अब इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा। जिला पंचायत की सीमा में आने वाले गांवो में व्यावसायिक भवन निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृत कराना अनिवार्य हो गया है। आवासीय व शैक्षणिक पर 50 रुपये, जबकि व्यावसायिक भवन के लिए 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क निर्धारित किया गया है।
जिला पंचायत कार्यालय से अब तक 60 से अधिक भवनों के नक्शे स्वीकृत कराए जा चुके हैं। अब देहात में जिला पंचायत के कर्मचारियों की टीम निरीक्षण के लिए निकल रही है। अपर मुख्य अधिकारी ने बताया जिला पंचायत क्षेत्र में रिहायशी भवनों व व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का निर्माण कराने के लिए निबंधित आर्किटेक्ट से बनाए गए नक्शा के आधार पर ही निर्माण कार्य कराना है। जो व्यक्ति अपना मकान व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बिना नक्शा के करवाएंगे वैसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें पहली बार नोटिस दी जाती है। नोटिस मिलने के पांच दिन के अंदर वे अपना पक्ष रखें कि भवन निर्माण किस आधार पर कराया जा रहा है। इसकी सूचना यदि पांच दिनों के अंदर नहीं दी जाती है तो वैसे लोगों के विरुद्ध नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी।