गाजियाबाद। जनपद में देवोत्थान एकादशी से शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। अगर आपकी शादी किसी मैरिज हाल में है और बारातियों या घरातियों को शराब भी पिलाना चाहते हैं तो आपको अब एक दिन के लिए शराब पिलाने का लाइसेंस लेना होगा। अगर शादी में लोग छिपकर शराब पिएंगे तो उसमें विघ्न तो पड़ेगा, साथ ही मैरिज हाल के प्रबंधक को जेल भी जाना होगा। आबकारी विभाग अब इस पर अपनी तीखी नजर रखेगा। शादी-पार्टी व अन्य कार्यक्रमों के दौरान शराब परोसना आम बात हो चुकी है। शादी व अन्य कार्यक्रमों में शराब पार्टी का आयोजन होता है। इसके लिए एक दिन का लाइसेंस बनवाना जरूरी होता है। लेकिन 11 हजार रुपए बचाने के लिए कुछ आयोजनकर्ता बिना लाइसेंस के ही शराब पार्टी का आयोजन करते है। इस दौरान मंडप व अन्य कार्यक्रमों में बार बनाकर खूब शराब परोसी जाती है। जिसको लेकर आबकारी महकमा सख्त हो गया है। बिना लाइसेंस के किसी भी समारोह में शराब पार्टी का आयोजन नही करने दिया जायेगा। इस पर पैनी नजर रखने व कार्रवाई करने के लिए आबकारी विभाग ने सात टीमें गठित की है। बड़े शहरों में मैरिज हॉल, शादी कार्यक्रम कराने वाले होटल, बारात घर में होने वाले कार्यक्रम में लोगों को शराब पिलाने के लिए अनुमति लेनी होती है।
जिले में जहां पर कार्यक्रम होगा, वहा के प्रबंधक इसके लिए आयोजकों से पैसा लेंगे। विभाग से अनुमति लेकर ही वहां पर शराब पिलाई जा सकेगी। अगर किसी भी शादी में लोग चोरी-छिपे शराब पीते हुए पाए जाएंगे तो घराती और बराती को तो दिक्कत होगी ही, मैरिज हाल के प्रबंधक को भी जेल जाना पड़ेगा। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अपने कार्यालय में जिले में संचालित बैंक्वेट हॉल, मैरेज हॉल, पार्टी लॉन, फार्म हाउस के संचालकों के साथ बैठक की। बैठक में संचालकों को सख्त निर्देश दिए कि बिना लाइसेंस के कार्यक्रम में लोगों को शराब पिलाई गई तो जुर्माना लगाने के साथ जेल भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी। जिले में जहां पर कार्यक्रम होगा, वहा के प्रबंधक इसके लिए आयोजकों से पैसा लेंगे और विभाग से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद भी शराब पिलाई जाएगी। अगर किसी संचालक ने बिना लाइसेंस के कार्यक्रम में शराब पिलाई तो आयोजक के साथ संचालकों के विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। साथ ही आबकारी निरीक्षकों को भी अभियान चलाकर बैंक्वेट हॉल, मैरिज हॉल, पार्टी लॉन, फार्म हाउस की चेकिंग करने के निर्देश दिए। शादी या पार्टी में चेकिंग के लिए अलग से टीम बनाई गई है, जो वहां पर जाकर लाइसेंस चेक करेगी और लाइसेंस नहीं मिलने पर शराब जब्त कर कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई से बचाव के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट पर जाकर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। बैठक में आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, हिम्मत सिंह, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, मनोज शर्मा, अनुज वर्मा, अभय दीप सिंह भी मौजूद रहे।
लाइसेंस लेने के लिए देना होगा 11 हजार रुपये का शुल्क
शादी व अन्य कार्यक्रम में शराब पिलाने को एक दिन का लाइसेंस लेने के लिए 11 हजार रुपये का शुल्क देना होगा। एक दिन का लाइसेंस मिलने पर आबकारी विभाग के माध्यम से या अपने से भी शराब खरीदकर पिला सकता है। परमिशन भी सिर्फ उत्तर प्रदेश शराब की रहेगी। ऐसा न हो कि आबकारी विभाग से लाइसेंस लेने के बाद बाहरी राज्यों की शराब परोसी जाए। इस प्रकार की सख्ती होने पर शादी में शराब पीकर हुड़दंग करने वालों पर भी अंकुश लगेगा। शादी के बाद देर रात होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी। ऑकेजनल बार लाइसेंस (एफएल-11) को प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट www.upexciseportal.in में जाकर यूजफुल पब्लिक सर्विसेज के आइकन पर क्लिक करके जरनल बार लाइसेंस के आईकन के अंदर प्रथम बॉक्स में रजिस्ट्रेशन कर, दूसरे बॉक्स में निर्धारित शुल्क का भुगतान कर स्वीकृत ऑकेजनल बार लाइसेंस की प्रति पोर्टल से निकाली जा सकती है। घर में ऑकलेजन बार का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को 4 हजार एवं बाहर होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज हाल में मदिरा की पार्टी करने के लिए 11 हजार रुपये चुकाने होगें।