गौतमबुद्ध नगर। हरियाणा में अब सियासी दंगल का नगाड़ा बज गया है। तीन माह पहले हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही राज्य में विधानसभा चुनाव का माहौल बनने लगा था और सभी दल तभी से इसके लिए तैयार हो गए थे। चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा। हरियाणा में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और चुनाव नतीजे 4 अक्टूबर को मतगणना के बाद आएंगे। चुनावी दंगल में जहां सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है तो वहीं विधानसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए आबकारी विभाग भी मैदान में उतर चुका है। शराब मुक्त विधानसभा चुनाव को संपन्न कराने के लिए फरीदाबाद डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (डीईटीसी) ने कसरत तेज कर दी है। तीन माह पूर्व हुए लोकसभा चुनाव में जिस तरह से हरियाणा के आबकारी अधिकारियों ने गौतमबुद्ध नगर के आबकारी अधिकारियों के साथ बैठक कर शराब तस्करों के खिलाफ रणनीति तैयार की थी, ठीक उसी तर्ज पर एक बार फिर से रणनीति तैयार की गई है। पूर्व में जिस तरह से दोनों राज्यों के अधिकारियों ने आपसी समन्वय स्थापित किया था, उसमें शराब माफिया की बिल्कुल भी दाल नहीं गली। विधानसभा चुनाव के सियासी दंगल में शनिवार को फरीदाबाद डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (डीईटीसी) अनिल यादव की अध्यक्षता में फरीदाबाद कार्यालय में बैठक हुई।
डीईटीसी पलवल मिस शोभिनी, गौतमबुद्ध नगर आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव, फरीदाबाद एक्साइज इंस्पेक्टर सोमदत्त यादव, मथुरा एक्साइज इंस्पेक्टर निशांत, अलीगढ़ एक्साइज इंस्पेक्टर राजीव कुमार, अभिषेक वत्स, नोएडा एक्साइज इंस्पेक्टर गौरव चन्द, मथुरा एक्साइज इंस्पेक्टर अंजली शर्मा के साथ बैठक में डीईटीसी अनिल यादव ने विधानसभा चुनाव को शराब मुक्त और शराब तस्करों पर कार्रवाई को लेकर कार्य योजना तैयार की। जिसमें सभी से निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा हुई। बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए अब उत्तर प्रदेश और हरियाणा आबकारी विभाग की संयुक्त टीम अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। दरअसल जो हाल यूपी का है, वहीं हाल हरियाणा का भी है। चुनाव हो या फिर कोई त्योहार, इस बीच आबकारी विभाग की धड़कने बढ़ जाती है। क्योंकि सभी के सामने सबसे बड़ी चुनौती अवैध रुप से होने वाली शराब तस्करी को रोकना होता है। चुनाव में अधिक कमाई के लिए शराब माफिया कोई कसर नहीं छोड़ता है। तस्कर अब चंडीगढ़ व अन्य राज्यों की शराब उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में सप्लाई करते है। क्योंकि उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शराब के दामों अब खासा अंतर नहीं है।
जिस कारण तस्करों ने बाहरी राज्यों की शराब पर अपना फोकस कर लिया है। बाहरी राज्यों की शराब तस्करी होने से उत्तर प्रदेश के साथ हरियाणा का भी राजस्व प्रभावित होता है। इसी के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर अधिकारियों की बैचेनी भी बढ़ गई है। देखा जाए तो अब कहीं न कहीं गौतमबुद्ध नगर की सीमा से सटे हरियाणा जिले के अधिकारी अब उत्तर प्रदेश में हो रही शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति को अपने जिले में उतारने का प्रयास कर रहे है। जिसके लिए दोनो प्रदेश के जनपदीय आबकारी अधिकारियों के बीच में बैठक समन्वय स्थापित हुआ। अगर इसी तरह से दोनों प्रदेश के बीच समन्वय स्थापित रहा तो शराब तस्करों को जनपद के साथ-साथ अन्य प्रदेशों से भी सूपड़ा साफ हो जाएगा।
जिसमें हरियाणा राज्य और उसके सीमावर्ती उत्तर प्रदेश राज्य के जनपदों के अधिकारियों में निरंतर समन्वय स्थापित रहे, इसके लिए एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाने के संबंध में सहमति बनी, जिससे किसी भी प्रकार की सूचना तत्काल एक दूसरे को प्रेषित की जा सके। हरियाणा राज्य और उसके सीमावर्ती उत्तर प्रदेश राज्य के जनपदों के अधिकारियों द्वारा सीमावर्ती संदिग्ध स्थानों और व्यक्तियों के संबंध में जानकारी एक दूसरे से साझा की गई, जिससे उक्त स्थलों/व्यक्तियों पर सतर्क दृष्टि रखी जा सके। यमुना नदी के किनारे के कई स्थलों जहां सीमांकन विवादित है वहां दोनों राज्यों की संयुक्त टीम द्वारा दबिश करने व प्रभावी प्रवर्तन कार्य करने की सहमति बनी। जिला आबकारी अधिकारी गौतमबुद्धनगर द्वारा डीईटीसी फरीदाबाद को उन संदिग्ध डिस्टलरियों की सूची भी दी गई जहां से निर्मित मदिरा का प्रयोग तस्करी में सर्वाधिक किया जाता है और उन डिस्टलरियों पर प्रभावी कार्यवाही करने के लिए अनुरोध किया गया।
जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा हुई है। सभी का एक ही उद्देश्य है अवैध शराब के कारोबार को जड़ से खत्म करना, इसी उद्देश्य के साथ शराब तस्करों के खिलाफ रणनीति तैयार की गई है। सीमावर्ती संदिग्ध स्थलों और व्यक्तियों के संबंध में एक दुसरे के साथ जानकारी सांझा की गई। कई संदिग्ध डिस्टलरियों की सूची भी दी गई है, जहां से निर्मित मदिरा का प्रयोग तस्करी में किया जाता है। क्योंकि दुकानों से भारी मात्रा में शराब तस्करी होना संभव नहीं होता है। इसलिए कहीं न कहीं तस्कर संदिग्ध डिस्टलरियों से शराब का इस्तेमाल तस्करी में करते है। अगर इस पर प्रभावी रुप से कार्रवाई हो तो काफी हद तक शराब तस्करी के धंधे को खत्म किया जा सकता है। वहीं डीईटीसी अनिल यादव का कहना है कि गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, अलीगढ़ आबकारी अधिकारियों के साथ हुई बैठक में विधानसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए अवैध शराब के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई होगी। जिसमें फरीदाबाद और पलवल के अधिकारी भी गौतमबुद्ध नगर, मथुरा, अलीगढ़ आबकारी अधिकारियों की कार्रवाई में अपना सहयोग प्रदान करेंगे और उनसे सहयोग भी लेंगे। पूर्व में तैयार की गई रणनीति में सार्थक परिणाम देखने को मिलेंगे, इसी तरह भविष्य में समन्वय स्थापित रहेगा और शराब तस्करों को उनके इरादों में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।