-2021 तक आशियाने का करना होगा इंतजार, प्रोजेक्ट में करीब 60 फीसदी काम
-आवंटिओं के सत्यापन में देरी से शासन में फंड लटका
प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। शासन की प्राथमिकता वाले प्रधानमंत्री आवासीय योजना के प्रोजेक्ट पर भी कोरोना की मार पड़ गई है। जल्द प्रधानमंत्री आवास की चाबी मिलने की आस लगाए बैठे आवंटन को कोरोना ने झटका दे दिया है। मधुबन बापूधाम योजना में 856 पीएम आवास के आवंटिओं को घर के लिए अब जुलाई 2021 तक का इंतजार करना होगा। लेबर के बाद फंड की कमी के चलते प्रोजेक्ट में निर्माण कार्य रूक गया है। मधुबन बापूधाम में पीएम आवास का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए जीडीए अब रेरा से एक साल का विस्तार मांगेगा। प्राधिकरण की ओर से जल्द ही रेरा में कार्य विस्तार के लिए आवेदन किया जाएगा। इससे पहले जीडीए ने बीते साल दिवाली के बाद प्रदूषण के कारण निर्माण कार्य बंद होने के चलते रेरा से तीन महीने का कार्य विस्तार लिया था। लेकिन कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के चलते लिया गया कार्य विस्तार जाया हो गया। जीडीए की ओर से लेबर के साथ फंड की कमी के अगले साल चलते जुलाई तक का कार्य विस्तार लिया जा सकता है। मधुबन बापूधाम योजना में जारी 856 पीएम आवास के निर्माण का अब तक करीब 60 फ़ीसदी ही काम पूरा हो सका है। बार-बार निर्माण कार्य पर ब्रेक लगने से जीडीए को परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्राधिकरण की ओर से बीते फरवरी माह में ड्रॉ के जरिए पीएम आवास की योजना में भवनों का आवंटन किया गया था। ऐसे में आवंटी पीएम आवास की जल्द चाबी मिलने की आस लगाए बैठे थे। कोरोना ने सभी की जल्द भवन मिलने की संभावनाओं पर विराम लगा दिया है। जीडीए के पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रोजेक्ट में आवेदन करने वालों के सत्यापन का मामला अब तक सुलझ नहीं सका है। प्राधिकरण की ओर से योजना का ड्रा निकाला जा चुका है। लेकिन आवंटिओ के दस्तावेजों का सत्यापन अभी डूडा की ओर से किया जा रहा है। ऐसे में आवंटन के बाद भी पात्र आवेदकों की सूची शासन की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हो सकी है। इसी कारण शासन की ओर से निर्माण संबंधी अगली किस्त का जीडीए को अब तक भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में फंड की कमी के चलते भी प्रोजेक्ट लेट होता जा रहा है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण मुख्य अभियंता विवेकानंद सिंह ने बताया कि मधुबन बापूधाम में पीएम आवास के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए रेरा में जल्द आवेदन किया जाएगा। प्रोजेक्ट में 60 फ़ीसदी काम हुआ है। ऐसे में प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अगले साल जुलाई तक का समय लग सकता है।