IN8@हिसार, : जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय भैंस फार्म में छोड़े जा रहे शहर के सीवरेज के गंदे पानी की बदबू से बेहाल सेक्टर 33 वासियों की परेशानी को देखते हुए सेक्टर की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) के नियमों का हवाला देते हुए केंद्रीय भैंस फार्म के निदेशक, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण व जनस्वास्थ्य विभाग को ज्ञापन सौंपने के अलावा मुख्यमंत्री व एनजीटी को मेल भेज कर सेक्टरवासियों को इस समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई जा चुकी है।
वहीं सेक्टर आरडब्ल्यूए के ज्ञापन व अनुरोध के बाद आज जनस्वास्थ्य विभाग के एसई टीआर पंवार ने आज अपनी पूरी टीम के साथ सेक्टर के साथ से गुजर रहे गंदे नाले का मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया। एसोसिएशन प्रधान राजपाल नैन ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग के एसई टीआर पंवार ने भी मौके का निरीक्षण कर इस बात को स्वीकार किया कि यह नाला वास्तव में सेक्टरवासियों के लिए एक गंभीर समस्या है और इस प्रकार के बदबूदार माहौल में रह पाना असंभव है। एसई ने करीब एक घंटे मौके का निरीक्षण करने के बाद एचएसवीपी अधिकारियों व फार्म निदेशक डा. सतबीर सिंह के साथ बैठक कर एसोसिएशन को आश्वस्त किया कि इस समस्या का जल्द ही समाधान कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शहर से निकलने वाले सीवरेज के पानी के स्थाई समाधान के लिए पक्का नाला बनाने के लिए करीब 24 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हो चुका है और इसका टेंडर होकर बनने में करीब 2-3 साल का समय लग सकता है। एसई ने एसोसिएशन को यह भी आश्वासन दिया कि जो बरसाती पानी सेक्टर के साथ बहकर इक्टठा हो जाता है। उसके लिए एक अस्टीमेट बपाकर बरसाती पानी की रोकथाम के लिए समाधान किया जाएगा।
बैठक में जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता विक्रमजीत माथूर, जेई सुरेंद्र दुहन, एसडीओ सरदार गुरजीत सिंह, एचएसवीपी के कार्यकारी अभियंता पवन कुमार वर्मा, फार्म मैनेजर डा. सुरेंद्र सिंह मलिक, डा. पीसी लाल्लेड़, एसोसिएशन सचिव मास्टर रोहताश मेहरा, डा. ललित श्योराण, नवीन तनेजा, प्रो. केएस नेहरा, धर्मवीर पानू व देवेंद्र राणा आदि भी मौजूद रहे।