पर्यटन विभाग के निजीकरण करने के विरोध में कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

IN8@रोहतक…हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ ने सरकार द्वारा विभाग को निजीकरण करने के विरोध में प्रदर्शन किया और प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने तीन माह से वेतन न मिलने का भी आरोप लगाया और 27 अगस्त को करनाल में प्रदेश स्तरी आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया। वीरवार को संघ के प्रधान मित्रपाल राणा के नेतृत्व में काफी संख्या में कर्मचारी तिलियार व मैना पर्यटक स्थल में कर्मचारी एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया।

मित्रपाल राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना महामारी की आड़ में हरियाणा पर्यटन विभाग की बेस कीमती जमीन को अपने चहेते पूंजीपतियों को कोडियों के भाव देना चाहती है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाशत नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना रिलिफ फंड में कर्मचारियों द्वारा पूर्ण सहयोग किया गया। इतना ही नहीं कर्मचारियों द्वारा लाकडाउन के दोरान मेडिकल स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ नर्सो को मुफ्त में रहने व खाने की भी व्यवस्था की गई थी, लेकिन अभी तक कर्मचारियों को तीन माह का वेतन व माल सप्लायरों के पैसे तक नहीं दिए गए है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पर्यटन के कर्मचारियों को वेतन देने की बजाय जो 1982 में एशियन खेलो में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. चौधरी भजनलाल ने पांच तारा होटल राजहंस सूरजकुंड में बनाया था, जहां अंतर्राष्ट्रीय मेला भी लगता है और पर्यटन विभाग की आमदनी का बड़ा स्त्रोत है, उसे भी लीज पर देने का प्रस्ताव को निदेशक मंडल की बैठक में पास कर दिया है।

उन्होंने कहा कि आज पर्यटन विभाग पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है और इसे बचाने के लिए कर्मचारी हर कुर्बानी देने को तैयार है। इस अवसर पर युद्धवीर सिंह खत्री, सुभाष चन्द्र देशवाल, टीकाराम, लच्छीराम, राजबीर गिरी, सबिता मलिक, आजाद चोपडा, मनजीत पांचाल, रणबीर, सुरेन्द्र सिंह, सोमबीर, राजेश शर्मा, मनोज कुमार, रामकिशन, शमशेर सिंह, सुनील कुमार, कर्मवीर सिवाच, जोगेन्द्र करोथा, प्रेम गिलोडियां, रामकरण पुनिया, जोगेन्द्र दलाल प्रमुख रूप से मौजूद रहे।