प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। देवाधिदेव भगवान शिव की विशेष उपासना के माह यानी सावन में औघड़दानी का दर्शन चरम पर है। कोराना वायरस के संक्रमण के कारण हर जगह पर फिजिकल डिंस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। लेकिन सावन के दुसरे सोमवार को सैकड़ो श्रृद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने मंदिर पहुंचे, लेकिन मंदिर के द्वार बंद होने से निराश होकर वापिस लौटना पड़ा।
कुछ भक्तों ने मंदिर के मुख्य द्वार पर ही पूजा कर जल अर्पित कर दिया। सोमवार कोे शहर के अधिकतर मंदिर भी बंद रहे। बता दें कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए 6 जुलाई से 31 जुलाई तक दूधेश्वरनाथ मंदिर श्रद्घालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। कांवड़ यात्रा निरस्त होने से लेकर मंदिर में लगने वाला तीन दिवसीय कांवड़ मेला भी इस बार निरस्त कर दिया गया है। सावन के पहले सोमवार को दूधेश्वरनाथ मंदिर में सैंकड़ों की संख्या में भक्त उमड़ पड़े थे, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन व मंदिर प्रंबधन ने कोरोना संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए 31 जुलाई तक मंदिर को बंद कर दिया।
सावन का दुसरा सोमवार होने के बाद फिर से भक्त मंदिर में जलभिषेक करने के लिए पहुंचे, लेकिन मंदिर के कपाट बंद रहे। मंदिर के स्वंयसेवकों ने श्रद्घालुओं को मंदिर बंद होने की जानकारी दी जिससे भक्त निराश ही लौट गए। हालांकि कुछ भक्तों ने मुख्य गेट पर ही पूजन कर मन को तसल्ली दी। महंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए ही मंदिर में भीड़भाड़ न हो इसके लिए ही 31 जुलाई तक मंदिर बंद रखने का निर्णय लिया है। स्थिति सामान्य होने के बाद फिर से मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोले दिए जाएंगे।