नई दिल्ली आम आदमी आज भी पुलिस और जांच एजेंसियों से वास्ता पड़ने पर असहज हो जाता है। नतीजतन राजधानी की सड़कों पर कई ठग लोगों की इस कमजोरी का फायदा उठा रहे हैं। जालसाजी में माहिर शातिर बदमाश लगातार वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुरानी दिल्ली समेत कई इलाकों में पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन एक हफ्ते से वर्दीधारी और जांच एजेंसियों का खौफ दिखाने के मामलों में बढ़ोतरी देखने में आई है। इन सभी वारदात में लोगों से कैश और जूलरी लेकर ये बहरूपिये रफूचक्कर हो जाते हैं।
बड़ी मुश्किल से ‘पुलिस’ के चंगुल से निकला डिलिवरी बॉय
लोनी के रजत कुमार (23) एक फूड सप्लाई कंपनी के डिलिवरी बॉय हैं। वह 23 जुलाई की दोपहर मिंटो ब्रिज की तरफ जा रहे थे। डीडीयू मार्ग पर ऑटो में पुलिस की वर्दी में एक शख्स आया और कहने लगा कि स्पीड में चला रहा है, तेरा 8000 का चालान होगा। रजत ने कहा कि स्पीड तो ठीक थी। इस पर धमकाते हुए रजत को ऑटो में बिठा लिया और 6000 मांगने लगा। मोबाइल छीन लिया। रजत के पास पैसे नहीं थे तो कहने लगा एटीएम से निकाल, वरना आज तू बंद होगा। वह कनॉट प्लेस ले गया और रजत एटीएम जाने के बहाने गच्चा देकर डीडीयू मार्ग आ गए। यहां बाइक खड़ी थी, लेकिन मोबाइल वर्दीधारी ठग ले गया।
डर दिखाकर जूलरी लिफाफे में रखवाई, फिर गायब की
शाहदरा के दुर्गापुरी एक्सटेंशन में रहने वालीं आशा (60) शुक्रवार को इलाज कराने जीबी पंत अस्पताल आई थीं। वह करीब 12:30 बजे डिलाइट सिनेमा पर बस के लिए खड़ी थीं। वहां खड़े एक शख्स ने उनका पता पूछ लिया। थोड़ी में एक कार रुकी तो फ्रंट सीट पर बैठे व्यक्ति ने शाहदरा थाने का रास्ता पूछा। आशा के बगल में खड़े शख्स ने कहा कि उन्हें भी दुर्गापुरी जाना है। कुछ देर बाद कार में बैठे लोगों ने दोनों को चोरी का डर दिखाते हुए कीमती सामान खाकी लिफाफे के भीतर रखने कहा। आशा ने सोने की अंगूठी और चेन निकालकर रख दी। फिर उन्हें शास्त्री पार्क फर्नीचर मार्केट पर उतार दिया। आशा ने घर जाकर देखा तो चेन-अंगूठी लिफाफे में नहीं थीं।