कृषि अध्यादेश के विरोध में किसानों का सड़को पर उमड़ा सैलाब

-किसानों-पुलिस में टकराव बचा, यूपी गेट से लौटे

IN8@ गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए जा रहे तीन कृषि अध्यादेश के विरोध में सोमवार को मुखर हुए किसानों और पुलिस के बीच टकराव होने से बच गया। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के नेतृत्व में पश्चिमी यूपी, पंजाब, हरियाणा आदि क्षेत्रों से हजारों की संख्या में किसान एकत्र होकर यूपी गेट पर धरना देकर बैठ गए।

किसानों ने अध्यादेश के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं,भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष चौधरी राजवीर सिंह के नेतृत्व में किसान हरेंद्र नेहरा,राजेंद्र सिंह,पूर्व पार्षद हरीश चौधरी,मनोज चौधरी,सतपाल,धर्मवीर सिंह,चंद्रशेखर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिंह खुटैल समेत सैकड़ों किसान एवं ग्रामीण महिलाओं ने रईसपुर समेत चार गांवों की जमीन का बढ़ा हुआ मुआजवा देने समेत अपनी कई मांगों को लेकर हापुड़ चुंगी पर जाम लगा दिया। जाम लगाने से वाहनों की लंबी लाइन लग गई।

मौके पर पहुंचे एडीएम सिटी शैलेंद्र कुमार ङ्क्षसंह एवं एसपी सिटी अभिषेक वर्मा को किसानों नेमांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा। चौधरी राजवीर सिंह ने चेतावनी दी कि जिलाधिकारी एवं जिला प्रशासन ने किसानों की मांग जल्द नहीं मानी तो अगले सोमवार को कलेक्ट्रेट पर दिन-रात का धरना शुरू किया जाएगा।

वहीं,यूपी गेट पर किसान धरना देकर बैठ गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे तीन कृषि अध्यादेशों के विरोध में किसानों ने सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन के लिए जा रहे थे,लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रास्ता बंद कर दिया, जिसके बाद ये किसान यूपी गेट पर ही धरने पर बैठ गए। पुलिस ने लिंक रोड से यूपी गेट फ्लाईओवर के नीचे से दिल्ली जाने वाले रास्ते को पूरी तरह बंद कर दिया है। भाकियू से जुड़े करीब सैकड़ों किसान कृषि अध्यादेशों और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत भी किसानों का साथ देने के लिए यूपी गेट पहुंचे। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री को अपनी मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया है।

केंद्र सरकार बिल भी इसमें शामिल करें। किसानों का आरोप है केंद्र सरकार किसानों को फसलों के लिए मिलने वाले न्यूनतम समथज़्न मूल्य को खत्म करना चाहती है, साथ ही सीधे बड़ी कंपनियों के साथ डील करके आढ़तियों को भी खत्म करना चाहती है। लोकतंत्र में हर किसी को अपना विरोध जताने का अधिकार हैं।किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने दिल्ली जाकर सरकार के समक्ष अपनी मांगें रखी। बातचीत होने के बाद 2 घंटे के बाद किसान यूपी गेट से वापस लौटने लगे। किसानों का चार सदस्यीय दल कार से दिल्ली रवाना हुआ।

अध्यादेश और एक समान मुआवजे की मांग को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत,पंजाब प्रांत अध्यक्ष हरेंद्र लखवाल,मेरठ मंडल अध्यक्ष पवन खटवाल,कार्यकर्ता इंद्रजीत शामिल रहे। वहीं, यूपी गेट पर जमा किसानों वापस लौटे। बता दें कि इससे पहले बड़ी संख्या में किसान दिल्ली-उत्तर प्रदेश बॉर्डर (यूपी गेट) पर जमा थे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने यूपी गेट पर उन्हें रोक दिया। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी राकेश टिकैत भी यूपी गेट पहुंचे। उन्होंने किसानों से कहा कि अपने 3 अध्यादेशों के साथ हमारी भी एक मांग जोड़ दें। न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी सरकार कानून बना दें।

जिले से होते हुए बड़ी संख्या में किसान दिल्ली के जंतर मंतर तक पैदल मार्च करने की तैयारी में थे। हालात के मद्देनजर यूपी गेट पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। पिछले साल भी किसानों का दिल्ली में प्रवेश रोके जाने पर दिल्ली पुलिस के साथ संघर्ष हुआ था। ऐसे में इस बार पुलिस बहुत सतर्क रहीं। इसके चलते किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान बड़ी संख्या में तैनात किए गए थे। इसके लिए बॉडज़्र पर बेरिकेडिंग की संख्या बढ़ाई गई थी। किसानों की संख्या देखते हुए यहां भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया। किसानों का पुलिस से टकराव होते बच गया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने दिल्ली पुलिस के मधु विहार डिवीजन के एसीपी विजय सिंह को ज्ञापन सौंपा।कृषि मंत्री को ज्ञापन सौंपने के बाद किसान वापस लौट गए।