कोरोना के डर के साये में मुस्कुरा रही जिंदगी

लाॅक डाउन से सरकारी अस्पतालों में हुआ नवजीवन का स्लोडाउन
दीपक वर्मा@ शामली। कोरोना वायरस के चलते चारों तरफ जिंदगी बचाने की अपील हो रही है, कहीं यह वायरस जिंदगियों को छीन रहा है तो कहीं जिंदगियां मुस्कुरा भी रही है। जब से कोरोना वायरस का साया पडा है तब से अब तक जिले में सैंकडों बच्चों का जन्म हुआ है। इस दौरान कहीं बिटिया के जन्म पर अस्पताल में खुशियां मनाई गई तो कहीं बेटे के जन्म में मोमबत्ती व दीपक जलाए गए। कोरोना महामारी के चलते लाॅक डाउन का असर शहर के अस्पतालों में होने वाले प्रसव पर भी पडा है। निजी अस्पतालों का कहना है कि पहले की तुलना में ओपीडी और आईपीडी कम है। हालांकि सरकारी अस्पतालों की इमरजैंसी प्रसूताओं के लिए 24 घंटे खुली है। कई निजी अस्पतालों में प्रसव और सिजेरियन केस लेना बंद कर दिया है। यही वजह है कि सरकारी अस्पतालों में लाॅक डाउन के चलते आने वाले सभी केस लिए जा रहे हैं। प्रसूताओं को 102 एम्बुलैंस के माध्यम से सरकारी अस्पताल में लाया जा रहा है ताकि उनकी सुरक्षित डिलीवरी हो सके।

इन्होंने कहा..
लाॅक डाउन के दौरान शामली सीएचसी में प्रतिदिन दस डिलीवरी की रिपोर्ट भेजी जा रही है, सीएचसी में दो सिजेरियन डिलीवरी भी हुई है। सीएचसी में 24 घंटे डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। जिले में सभी पांचों सीएचसी पर प्रसूताओं की डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है, इन सीएचसी पर महिला चिकित्सकों व महिला स्टाफ नर्स की भी तैनाती की गयी है ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।
-संजय भटनागर, सीएमओ शामली

22 मार्च से 19 मई तक बच्चों का जन्म
शामली-557
थानाभवन-166
कैराना-473
ऊन-379
कांधला-281