कोरोना ने बताया कितना पिछड़ा हुआ है वेस्ट यूपी का शामली जिला

  • शामली जिले की तीनों विधानसभा में नही विद्युत शवदाह गृह की सुविधा
  • शमशान घाटों पर अंतिम क्रिया के दौरान लोगों के सामने खड़ी हो रही परेशानियां

दीपक वर्मा@शामली। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में वेस्ट यूपी के शामली जिले में विद्युत शवदाह गृह की कमीं ज्यादा महसूस की जा रही है, क्योंकि कोरोना से हो रही मौतों के मामलें में अंतिम संस्कार करने को लेकर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

अंतिम संस्कार में हो रही परेशानी
जिले में कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के दौरान परिजनों और प्रशासनिक अमले को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। लोगों का कहना है कि यदि जिले में विद्युत शवदाह की व्यवस्था होती, तो कोरोना संक्रमण से जान गवाने वाले लोगों की दाहक्रिया में आसानी हो सकती थी। अभी हाल यह है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति का शव जब अंतिम संस्कार के लिए किसी शमशानघाट में लाया जाता है, तो उसके दाह संस्कार को लेकर समस्या खड़ी हो जाती है, क्योंकि अन्य कारणों से मर रहे लोगों की अंतिम क्रिया भी यहां साथ में हो रही होती है, ऐसे में कई बार घंटों इंतजार की स्थिति बन रही है। ऐसे भी कई मामले आ चुके है, जिनमें खुद प्रशासनिक अमले को अंतेष्ठी के लिए परेशान होना पड़ा है।

तीनों विधानसभाओं में नही सुविधा
शामली समेत जिले की थानाभवन और कैराना विधानसभा में भी विद्युत शवदाह गृह की कोई व्यवस्था नही है। विद्युत शवदाह गृह बनाने में आज तक किसी अधिकारी ने भी रूची नही दिखाई है, लेकिन अब धीरे-धीरे जिम्मेदारों का ध्यान इस तरफ आकृष्ठ हो रहा है। लोगों का कहना है कि यदि जनपद में समय रहते विद्युत शवदाह गृहों का निर्माण कराया जाता, तो कोरोना काल में इस घातक वायरस से जान गवाने वाले लोगों की अंतिम क्रिया में परेशानी नही होती।