गाजियाबाद में 79 हजार से ज्यादा वाहनों के पंजीकरण निरस्त

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। जिले में सड़को पर दौड़ रहे 15 साल पुराने वाहनों को आउट करने के लिए संभागीय परिवहन विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। डीजल और पेट्रोल के 79 हजार 78 वाहनों का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। इस कार्रवाई के बाद कोई इन वाहनों को चलाते हुए पकड़ा गया तो वाहन को जब्त कर लिया जाएगा। अनधिकृत वाहन चलाने के आरोप में चालक पर मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के तहत जुर्माना किया जाएगा। जिन वाहनों के पंजीकरण निरस्त किए गए हैं वे वाहन यूएसी, यूएई, यूएएच, यूएपी, यूजीयू, यूएचजी, यूएचजे, यूएचएम, यूएचएन, यूएमसी, यूएमई, यूएमआर, यूपी14, यूपी14ए, यूपी14बी, यूपी14डी, यूपी14ई, यूपी14एफ, यूपी14जी, यूपी14एच, यूपी14जे, यूपी14के, यूपी14एल, यूपी14एम और यूपी14एन सीरिज में पंजीकृत थे। एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत प्रताप सिंह ने बताया कि गाजियबाद दिल्ली-एनसीआर के शहरों में शामिल है। वर्ष 2016 में एनजीटी ने इस क्षेत्र के लिए आदेश जारी किया था कि पंद्रह वर्ष पूर्ण कर चुके वाहनों का पंजीकरण निरस्त किया जाए। इस आदेश का पालन करने के लिए मोटरयान अधिनियम-1988 की धारा-54 में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कार्रवाई की गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की बसें दिल्ली की बजाए कौशांबी बस डिपो पर ही आ रही हैं और यहीं से सवारी लेकर वापस जाती हैं। ऐसे में डिपो पर बसों की संख्या ज्यादा हो गई है। डिपो के बाद अब बसें सड़क पर खड़ी रहती हैं। चालक परिचालक सड़क पर ही यात्रियों को बैठाते हैं। ऐसे में डिपो के सामने सड़क पर बसों की भरमार रहती हैं। दिन भर में कई बार जाम लग जाता है। वहीं, कौशांबी डिपो के सामने ऑटो चालकों की भी खूब मनमानी चल रही है। ऑटो चालक पूरी सड़क घेरकर खड़े रहते हैं। संदीप द्विवेदी नाम के व्यक्ति ने ट्विटर पर जिलाधिकारी और ट्रैफिक पुलिस को ट्वीट कर शिकायत की है कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम और निजी बसें सड़क पर खड़ी रहती हैं।