ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों पर भारी पड़ी पुलिस

IN8@सोहना…. नए बनाए गए 3 कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आंदोलनकारी किसानों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में बृहस्पतिवार को ट्रैक्टर मार्च निकाले जाने के किए गए ऐलान के बावजूद यहां जगह-जगह पुलिस तो सडक़ों पर नजर आई लेकिन ट्रैक्टर मार्च के लिए कोई भी किसान ट्रैक्टर ले जाते नजर नही आया। हालांकि ट्रैक्टर मार्च को लेकर पुलिस प्रशासन ने किसी भी तरह के हालातों से निपटने के लिए मुकम्मल इंतजाम किए थे। कोई भी सडक़ मार्ग जाम ना हो, शांति व्यवस्था ना बिगड़े, इसके लिए ना केवल अतिरिक्त पुलिसबल मुहैया कराया गया बल्कि डयूटी मजिस्ट्रेट भी लगाए गए पुलिस प्रशासन को खुफिया तंत्र से भनक लगी कि आंदोलनकारी किसान बावल से केएमपी के रास्ते और सोहना आसपास व मेवात के किसान केजीपी-केएमपी के रास्ते सडक़ पर आ सकते है।

जिसको लेकर हाड़ कंपा देने वाली बर्फीली हवाओं के बीच पुलिस प्रशासन इतना मुस्तैद नजर आया कि पुलिस इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, सहायक सबइंस्पेक्टर श्योरनलाल, डयूटी मजिस्ट्रेट लगाए गए तहसीलदार व पूर्व में जिला राजस्व अधिकारी रहे नरेन्द्र सिंह पुलिस जवानों के साथ-साथ सीआरपीएफ जवानों से भरी एक बस लेकर किसी भी तरह के हालातों से निपटने के लिए गांव रेवासन के समीप बने टोलप्लाजा पर आ जमे और वाहनों की आवाजाही में कोई व्यवधान ना आ पाए, इसके लिए जगह-जगह जवान तैनात कर निगाहबानी में जुट गए।
इस दौरान एक ट्रैक्टर में कई किसान आए तो निजी गाड़ी में बैठकर भी कई किसान नेता टोल पर पहुंचे, जिन्हे पुलिस ने आगे नही बढऩे दिया। जिस पर उनकी पुलिस के मौजूद अधिकारियों से गर्मागर्मी और जमकर झड़पें भी हुई लेकिन मौजूद लोग टोल पार करने में नाकाम रहे क्योकि मौजूद लोगों की तादाद दर्जन भर से भी कम और पुलिस जवानों व सीआरपीएफ जवानों की तादाद किसानों से कई गुणा ज्यादा होने के चलते किसानों की एक ना चली। ऐसे में पुलिस व सीआरपीएफ के जवान इन किसानों पर भारी पड़ते नजर आए और टोल पर बिना किसी व्यवधान के पूरा दिन वाहनों की आवाजाही होती रही।

किसान नेता आजाद खान केडी, सलामुदीन एडवोकेट, रमजान एडवोकेट रेवासन टोल पर आए लेकिन पुलिस ने उन्हे पलवल की तरफ कूच नही करने दिया। उपरोक्त किसान नेताओं का यह भी कहना रहा कि पलवल में होने वाले प्रदर्शन को लेकर किसान नेताओं ने पूरी तैयारी की थी लेकिन पुलिस ने चालाकी दिखाई और किसान ट्रैक्टर रैली में किसान नेताओं को जाने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन बृहस्पतिवार की भोर सवेरे कई स्थानों पर किसान नेताओं के घरों पर पहुंच गया और अपने घरों से निकलने की तैयारी कर रहे किसानों को उनके घरों में नजरबंद कर दिया जबकि पुलिस प्रशासन किसान नेताओं के लगाए गए आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए किसान नेताओं को नजरबंद करने से मना कर रहा है।