नई दिल्ली: कोरोना काल में दुनिया के ज्यादातर देश चीन के खिलाफ खड़े हो गए हैं, लेकिन रूस की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। ऐसा लग रहा था कि रूस और चीन के बीच कोई मजबूत गठबंधन हो गया है, जिस वहज से उसने चुप्पी साधी हुई थी। लेकिन अब रूस ने चीन को एक जोरदार झटका दिया है, जिसके बाद यह साफ हो गया है कि वह ड्रैगन के साथ डबल गेम खेलने में लगा हुआ है।
कुछ समय पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी7 देशों की बैठक को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इसमें शामिल देशों को बदला जाना चाहिए। इसके लिए ट्रंप ने भारत और रूस का नाम सुझाया था, जबकि चीन को इससे अलग रखा था।
हालांकि इसके तुरंत बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक बयान सामने आता है, जिसमें चीन की तारीफ की गई। उन्होंने कहा कि जी7 देशों में चीन को भी शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि चीन एक बड़ी आर्थिक ताकत रखने वाला देश हैं। उस समय ऐसा लगा कि रूस पूरी तरह से चीन के साथ खड़ा है। लेकिन उसने अब चीन को ऐसा झटका दिया है, जिसके बारे में ड्रैगन ख्वाब में भी नहीं सोच सकता।
रूस ने पहली बार ताइवान को अलग देश का दर्जा दिया है। चीन भले ही ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता हो, लेकिन एक रूसी वेबसाइट ने दुनिया में कोरोना वायरस (COVID-19) के आंकड़ों को दर्शाते हुए ताइवान को एक अलग देश बताया है। इसके साथ ही इस वेबसाइट में हांगकांग और मकाऊ को अलग-अलग रूप में सूचीबद्ध किया गया है।