दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को हरियाली से संजाने के लिए लगेगें 88 हजार पेड़

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से गुजरने वालों को हर और हरियाली नजर आएगी। एनएचएआई एक्सप्रेस-वे के डासना से मेरठ तक आखिरी चरण में दोनों ओर 88 हजार पौधे लगाने का काम अगले हफ्ता से शुरू करेगा। मानसून आने की संभावनाओं को देखते हुए एनएचएआई ने पौधे लगाने की कार्ययोजना तैयार कर ली है। पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदने का काम शुरू कर दिया गया है। लॉकडाउन के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के काम को रफ्तार देने के लिए एनएचएआई की ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के चलते बीते सप्ताह एनएचएआई ने डासना पर निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर गार्डर लॉन्चिंग का काम पूरा कर लिया है।फिलहाल एक्सप्रेस-वे के दूसरे चरण यूपी गेट से डासना तक 75 फ़ीसदी से अधिक काम पूरा हो चुका है। एक्सप्रेस-वे के आखिरी व चौथे चरण में डासना से मेरठ तक करीब 70 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है। केंद्र सरकार की ओर से एनएचएआई को छह माह मिले विस्तार के बावजूद उसकी कवायद आखिरी दोनों चरण के कामों को दिसंबर तक पूरा करने की है। इसी बीच एक्सप्रेस-वे को हरा भरा बनाने के उद्देश्य से एनएचएआई ने डासना से मेरठ तक 32 किलोमीटर लंबे रूट के दोनों ओर 88 हजार पौधे लगाने की योजना तैयार की है। एक्सप्रेस-वे का चौथा चरण डासना से शुरू होकर कुशलिया नाहल, भोजपुर से होते हुए मेरठ के परतापुर पर जाकर खत्म होगा। ऐसे में एक्सप्रेस-वे के निर्माण के कारण एनएचएआई ने दोनों ओर पेड़ लगाने की योजना बनाई है। आगामी जुलाई में मानसून के सीजन को देखते हुए एनएचएआई ने इस वक्त का चुनाव किया है। पौधे लगाने के लिए इस सेक्शन पर जगह-जगह गड्ढे खोदे गए हैं। लगाए जाने वाले पौधों को नुकसान न हो इसके लिए ट्री गार्ड भी लगाए जाएंगे। एनएचएआई के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया कि डासना से मेरठ तक एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर पौधे लगाए जाने की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। गड्ढों की खुदाई का काम तेजी से जारी एनएचएआई को लॉकडाउन के बाद से अभी तक लेबर की कमी से जूझना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में लेबर की उपलब्धता बढऩे के साथ ही निर्माण कार्य को रफ्तार देने की कवायद की जा रही है। दूसरी ओर उपलब्ध लेबर के माध्यम से गड्ढों की खुदाई को तेज करने के प्रयास जारी हैं। पौधों को लावारिस पशुओं से बचाने के लिए ट्री गार्ड लगाने के साथ उनकी देखभाल के लिए टीम को भी तैनात किया जाएगा। इससे पहले एनएचएआई ने डासना से हापुड़ तक के तीसरे सेक्शन में बड़ी संख्या में पौधे लगाए थे।