डासना जेल में 6 फुट की दूरी के साथ बंदियों से फोन के जरिए हो सकेगी मिलाई

प्रमोद शर्मा@ गाजियाबाद। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए जेल में बंद किया गया मुलाकात का दौर जल्द शुरू होने वाला है। हालांकि, परिजनों से बंदियों की मुलाकात पहले की तरह नहीं हो सकेगी। बंदी 6 फुट की दूरी के साथ परिजनों से फोन रिसीवर के जरिए बात कर सकेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर जिला जेल डासना में भी अब फिल्मी तर्ज पर लोहे की लगी ग्रिल से 6 फीट की दूरी से फोन के जरिए ही बंदियों से मिलाई हो सकेगी। जेल विभाग की ओर से बंदियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर कई ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं। सोमवार को डासना जेल पहुंचे डीजी जेल आनंद कुमार ने डीआईजी लव कुमार,एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन,जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा,जेलर आनंद शुक्ला,डिप्टी जेलर सुरेश सिद्वार्थ,नीरज कुमार श्रीवास्तव,सीओ सदर धर्मेंद्र चौहान,डा.सुनील त्यागी,डॉ.नितिन प्रियदर्शी,आदि की मौजूदगी में जेल में इंस्टू्रमेंट सिस्टम का उद्घाटन करते हुए शुभारंभ किया। डीजी जेल आनंद कुमार ने कहा कि जेल में बंद बंदी की सुरक्षा जरूरी हैं। बंदी को मास्क दिए गए हैं और साबुन और सैनिटाइजर से बार-बार हाथ धोने को प्रेरित किया जा रहा है। बंदियों के उनके परिजनों से मुलाकात को लेकर यह सिस्टम लगाया गया है। सिस्टम के माध्यम से बंदियों को उनके परिजनों से लोहे की ग्रिल लगाई गई है। इससे 6 फीट की दूरी से ही बंदी से टेलीफोन पर बात कराई जाएगी। जेल सुपरिंटेंडेंट विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि डासना जेल में कुल 39 बूथ बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक बार में 39 बंदी अपने परिजनों से बात कर सकेंगे इसके लिए दोनों तरफ जाली लगा कर फोन रिसीवर लगाए गए हैं। शासन से निर्देश मिलते ही मुलाकातों का सिलसिला शुरू करा दिया जाएगा। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढऩे के चलते बंदियों से उनके परिजनों की मुलाकात अब सीधे आमने सामने नहीं कराई जाएगी, बल्कि 6 फीट की दूरी पर टेलीफोन से बात कराई जाएगी। जुलाई में इसे शुरू किया जाएगा। बंदियों और परिजनों के बीच शीशे का ग्लास होगा। बंदी एक ओर तो परिजन दूसरी ओर और दोनों ओर से टेलीफोन पर बात होगी। डीजी आनंद कुमार ने कहा कि प्रदेश की सभी जेल में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। बंदियों में कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले,इसके लिए तमाम आवश्यक कदम उठाए गए हैं। हर जेल में अब सिस्टम के जरिए ही बंदियों की उनके परिजनों से टेलीफोन से बात कराई जा सकेगी।