दुर्घटना में मारे गए श्रमिकों के आश्रितों को 20-20 मुआवजे की मांग

मजदूर किसान यूनियन पार्टी ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
दीपक वर्मा@ शामली। मजदूर किसान यूनियन पार्टी ने श्रम कानूनों का निलंबन वापस लेने, दुर्घटना में मारे गए श्रमिकों के परिजनों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने तथा सरकार के राहत पैकेज का लाभ दिलाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर देश के प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों को पूरा न किया गया तो पार्टी सडक पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर हो जाएगी।
जानकारी के अनुसार मजदूर किसान यूनियन पार्टी ने श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मंगलवार को देश के प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपा। इस अवसर पर पार्टी संस्थापक सुक्रमपाल कश्यप ने कहा कि देश में कोरोना महामारी का संकट चल रहा है, लाॅक डाउन की घोषणा कर सभी गतिविधियां भी रोक दी गयी है, ऐसी स्थिति में मजदूर वर्ग बेहाल हो गया है। हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर हजारों किलोमीटर दूर से पैदल चलकर अपने घरों को लौट रहे हैं। सरकार ने इस संकट काल में मजदूरों का कोई ध्यान नहीं रखा बल्कि लाॅक डाउन से पहले ही 18 मार्च को वित्तमंत्री ने उद्योगपतियों को 42000 करोड रुपयों की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि साल दर साल उद्योगपतियों को करोड से अरबपति बनाने वाले मजदूरों को उद्योगपति कुछ दिन भी बर्दाश्त नहीं कर सके जिससे उन्हें कारखानों से निकलना पडा। जब मजदूर भीषण संकट से गुजर रहा है तो सरकार श्रम कानूनों को निलंबित करने का आदेश पारित कर रही है जो अन्याय है। मजदूरों का अब सरकार पर विश्वास नहीं रहा है और वह केवल भगवान भरोसे जी रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की और उसके बंटवारे का नियम ऐसा बनाया कि कमजोर व मजदूर लोगों को इसका लाभ न हो। सरकार ने मजदूरों को सडकों पर धक्के खाने के लिए छोड दिया है जबकि इस पैकेज का सभी को बराबर हक मिलना चाहिए।

उन्होंने श्रम कानूनों का निलंबन तुरंत वापस लेने, किसान दुर्घटना एवं सर्वहित लाभ योजना को लागू करने, बीमा कवर 10 लाख रुपये करने, मुजफ्फरनगर, मथुरा, औरेया आदि स्थानों पर दुर्घटना में मरे मजदूरों के परिवार वालों को 20-20 लाख रुपये व घायलों को पांच-पांच लाख का मुआवजा देने, सडक दुर्घटना की एफआईआर को आईपीसी की धारा 304ए में तरमील करने, राहत पैकेेज का 30 प्रतिात हिस्सा असंगठित मजदूरों को देने, 40 प्रतिशत हिस्सा किसानों को देने, राहत पैकेज देने वाली एजेंसियों का आनाकानी न करने के निर्देश देने, सभी विद्यालयों की 3 माह की फीस माफ करने, घरेलू विद्युत कनेक्शन व कम लोड के कमर्शियल कनेक्शन जो लाॅक डाउन में बंद रहे, का 3 माह का विद्युत बिल माफ करने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को पूरा न किया गया तो पार्टी सडकों पर उतरकर आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएगी। इस अवसर पर मांगेराम कश्यप, रामधन कश्यप, रवि कश्यप, विकास कुमार प्रजापति, आनंद कुमार आदि भी मौजूद थे।