कोरोना संकट काल में online शिक्षा का मिला लाभ

online कार्यशाला का हुआ आयोजन
संवाददाता@ कैराना। उच्च शिक्षा विभाग उप्र व राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद बंगलौर के संयुक्त तत्वावधान में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता विषय पर ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालयों के प्राचार्यों व शिक्षकों द्वारा किया गया प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला का शुभारंभ उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका गर्ग ने किया। उन्होंने बताया कि कोविड संकट के समय में भी उच्च शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन शैक्षणिक और सहशैक्षणिक गतिविधियां जारी रही हैं। उच्च शिक्षा विभाग की कुलाधिपति और राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि प्रतिस्पर्धा के युग में कोविड ने उच्च शिक्षा में चुनोतियां बढ़ा दी हैं लेकिन, उच्च शिक्षा विभाग उप्र, यूजीसी, राष्ट्रीय उच्च शिक्षा परिषद, समस्त विश्विद्यालयों के कुलपति, वित्तीय अधिकारी और शिक्षण संस्थानों के प्राचार्यगण निरंतर आपसी समन्वय बनाकर रखें। इसके अलावा राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायनन परिषद (नेक) की प्रक्रिया, एसआईआरएफ तथा एनआईआरएफ में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करें।
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री प्रोफेसर दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि कोविड संकट के समय में भी 10 लाख 37 हजार 182 छात्र छात्राओं ने ऑनलाइन शिक्षण का लाभ लिया। लगभग 2 लाख 86 हजार 804 छात्र प्रतिदिन ऑनलाइन क्लास से जुड़े। ऑनलाइन कक्षा संबंधी 4,134 बैठकें आयोजित की गईं जिनमें प्रदेश के विश्विद्यालयों के कुलपति, विभाग के अधिकारी, वित्तीय अधिकारी, कॉलेजों के प्राचार्य और प्राध्यापक जुड़े। 3980 ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गए जिनका लाभ शिक्षकों और छात्रों ने उठाया। हिंदी भाषी प्रदेश होने के कारण लगभग 80 प्रतिशत पाठ्य सामग्री ई कंटेंट के रूप में उपलब्ध कराई गई। 14 हजार 967 ऑनलाइन कक्षाओं के टाइम टेबल विषविद्यलयो की वेबसाइट पर अपलोड किए गए जिनके अनुसार कक्षाएं संचालित की गईं। 2280 प्राध्यापकों ने ई कंटेंट को स्थानीय भाषाओं में परिवर्तित कर छात्राओं तक पहुंचाया। दूरदराज के छात्रों तक उच्च शिक्षा की पहुंच हो। इसके लिए स्वयंप्रभा और दूरदर्शन तथा 36 शुल्क रहित चैनलों पर प्रसारण की व्यवस्था की गई। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नेक) के निदेशक प्रोफेसर एससी शर्मा ने बताया कि नेक मूल्यांकन उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता संवर्धन हेतु एक सरल मूल्यांकन प्रक्रिया है, जिसे सभी संस्थानों द्वारा क्रमिक रूप से पूर्ण किया जा रहा है। कार्यशाला के द्वितीय तकनीकी सत्र में नेक के अधिकारियों के रमा, डॉ. रुचि त्रिपाठी, डॉ. श्याम सिंह द्वारा पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से संस्थानों और विश्विद्यालयों द्वारा नेक मूल्यांकन की प्रक्रिया में सहभागिता के लिए गहन प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला के अंतिम सत्र में ओपन फोरम में कार्यशाला से जुड़े प्रतिभागियों के प्रश्नों और शंकाओं का समाधान नेक के एक्सस्पर्ट और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया। कार्यशाला में प्रदेश के सभी विश्विद्यालयों के कुलपति, अधिकारी, कॉलेजों के प्राचार्य आई क्युएसी को-आर्डिनेटर तथा नेक को-आर्डिनेटर ने प्रतिभाग किया। विजय सिंह पथिक कॉलेज कैराना से प्राचार्य डॉ. चमन लाल व आई क्यू एसी एवं नेक की ओर से डॉ. अजय बाबू शर्मा तथा डॉ. राकेश कुमार ने प्रतिभाग किया।