मणिकर्णिका रिटर्न्स’ के ऐलान के कुछ घंटे बाद ही विवादों में घिरीं कंगना

कंगना रनोट की अपकमिंग फिल्म ‘मणिकर्णिका रिटर्न्स : द लीजेंड ऑफ दिद्दा’ अनाउंसमेंट के कुछ घंटे बाद ही विवादों में घिर गई है। दिद्दा की बायोग्राफी लिखने वाले ऑथर आशीष कौल ने कंगना पर उनकी कहानी चुराने का आरोप लगाया है। कौल ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने एक्ट्रेस को अपनी किताब का फॉरवर्ड लिखवाने के लिए मेल किया था। लेकिन उन्होंने उनकी कहानी चुराकर फिल्म का ऐलान कर दिया।

इसलिए लिखवाना चाहते थे फॉरवर्ड

एनबीटी से बातचीत में कौल ने कहा कि वे कंगना से अपनी बुक का फॉरवर्ड लिखवाना चाहते थे। क्योंकि इस वक्त देश में उनकी छवि ऐसी महिला की है, जो लगातार अपने अधिकारों के लिए लड़ रही है और अपने साथ हो रहे गलत व्यवहार के खिलाफ आवाज उठा रही है।

कहानी चोरी को इंटेलेक्चुअल चोरी बताया

कौल की मानें तो उन्हें कंगना का कहानी चुराने का यह अंदाज बिल्कुल समझ नहीं आया है। क्योंकि लोग उन्हें सच का साथ देने वाली महिला के रूप में जानते हैं। उन्होंने कंगना की इस चोरी को इंटेलेक्चुअल चोरी बताया है।

कंगना ने कभी मेल का जवाब नहीं दिया

कौल के मुताबिक, उन्होंने बुक के फॉरवर्ड के लिए कंगना को कई बार मेल किए। लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिला। यहां तक कि सोशल मीडिया पर भी कई बार अपनी बुक को लेकर वे कंगना को टैग कर चुके हैं। ऊपर से उनकी कहानी चुराकर कंगना उनके अधिकारों का हनन कर रही हैं।

रिलायंस के साथ प्लान कर रहे फिल्म

ऑथर ने आगे बताया कि वे उन्होंने अपनी बुक ‘दिद्दा द वॉरियर क्वीन ऑफ कश्मीर’ को फिल्म की स्क्रिप्ट की तरह लिखा है। वे रिलायंस एंटरटेनमेंट के साथ मिलकर इस पर बड़े बजट की फिल्म की प्लानिंग भी कर रहे हैं। कोरोना महामारी के चलते उनका यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया। लेकिन कहानी को लेकर उनकी प्रोडक्शन हाउस के साथ मीटिंग्स हो चुकी हैं।
कंगना ने गुरुवार को किया था ऐलान
गुरुवार को मकर संक्रांति के मौके पर कंगना रनोट ने ‘मणिकर्णिका’ फ्रेंचाइजी की दूसरी फिल्म का ऐलान ‘मणिकर्णिका रिटर्न्स : द लीजेंड ऑफ दिद्दा’ के नाम से किया था। वे यह फिल्म प्रोड्यूसर कमल जैन के साथ मिलकर बना रही हैं, जिन्होंने फ्रेंचाइजी की पहली फिल्म में उन्हें बतौर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर्दे पर उतारा था।

कश्मीर की चुड़ैल रानी के नाम से मशहूर दिद्दा

रानी दिद्दा इतिहास में कश्मीर की चुड़ैल रानी के नाम से मशहूर हैं। कहा जाता है कि यह नाम उन्हें राजा महाराजाओं ने सिर्फ अपनी मर्दानगी छुपाने के लिए दिया था। दिद्दा की शादी कश्मीर के राजा क्षेमगुप्ता से हुई थी। जब राजा की मौत हुई तो लोगों ने सती प्रथा के तहत उन्हें सती होने के लिए कहा। लेकिन इस दौरान रानी ने समझदारी दिखाई और राजा की पहली पत्नी को सती कराकर खुद अपनी शर्तों पर राजगद्दी पर बैठ गईं और 50 साल तक शासन किया