हरियाणा से मजदूर गए,स्कूल भी खाली कर गए

अव आठ जून तक छात्र संख्या पर रिपोर्ट तलब
संवाददाता@ चंडीगढ़, महामारी में हरियाणा से तीन लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों के पलायन का असर सरकारी स्कूलों पर भी दिखने लगा है। ड्रॉप आउट से पार पाने के लिए जुटे शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में 6 मार्च को मौजूद छात्रों की संख्या और 6 जून तक दाखिला लेने वाले बच्चों की रिपोर्ट आठ जून तक मांगी है। इसी के पर ड्रॉप आउट का मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं, ऑनलाइन पढ़ाई की दैनिक रिपोर्ट नहीं देने वाले स्कूल मुखियाओं पर शिकंजा कसते हुए जिला स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव महावीर सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को हिदायत दी हुई है कि किसी भी विद्यार्थी का ड्राॅप आउट नहीं होना चाहिए। निर्धारित फॉर्मेट में रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेजनी है। इसमें बताना होगा कि पहली से बारहवीं तक किस कक्षा में राज्यवार बच्चों की संख्या घटी और किस कक्षा में बढ़ी है। इसके अलावा पांचवीं कक्षा में कितने बच्चे पास हुए और कक्षा छठी में कितने बच्चों ने दाखिला लिया। इसी प्रकार आठवीं पास करने वाले और नौवीं में दाखिले लेने वालों का आंकड़ा पूछा गया है।
रिकॉर्ड की प्रमाणिकता के लिए स्कूल स्तर पर मुखिया जिम्मेदार होंगे। इसके अलावा कलस्टर स्तर पर एबीआरसी की जिम्मेदारी होगी। यानी आंकड़ों में गड़बड़ी हुई तो अधिकारियों का नपना तय है।
उधर, दूरवर्ती शिक्षा की मॉनिटरिंग के लिए सरकार ने शिक्षा निदेशालय के अधिकारी फील्ड में उतारे हैं। शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश के 22 जिलों के लिए 11 अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो प्रत्येक दो जिलों की मॉनिटरिंग करेंगे। साथ में जिला शिक्षा अधिकारियों के कार्यों का भी आकलन करेंगे। यह अफसर जिला और खंड स्तरीय अधिकारियों से समन्वय कर सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक छात्र तक दूरवर्ती शिक्षा का लाभ पहुंच रहा है। जिन स्कूल हेड, एबीआरसी, बीआरपी, डीएसएस, डीएमएस, एपीसी, डीईओ द्वारा दैनिक रिपोर्ट नहीं भरी जा रही हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।