IN8@गुरुग्राम,….बिजली के मीटर की सील तोड़कर बिजली आपूर्ति करने के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज सुयासा जावा की अदालत ने बिजली निगम के आरोपों को खारिज करते हुए आदेश दिए हैं कि पीडि़त उपभोक्ता द्वारा जमा कराए गए 65 हजार 594 रुपए की जुर्माना राशि को 9 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस किया जाए। पीडि़त उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से वर्ष 2013 की 5 जून को बिजली निगम ने राजीव नगर के बदलूराम पर आरोप लगाए थे कि उसने मीटर की सील टेंपर कर बिजली चोरी की है और उस पर 65 हजार 594 का जुर्माना भी लगा दिया था। उपभोक्ता पर दबाव बनाया जा रहा था कि वह जुर्माना की राशि जमा करा दे, अन्यथा उसका बिजली कनेक्शन काट दिया जाएगा।
इस डर से उसने जुर्माना धनराशि जमा कराकर बिजली निगम की कार्यवाही को याचिका के माध्यम से अदालत में चुनौती दे दी थी। अदालत में मामले की सुनवाई चली। बिजली निगम ने अदालत में जो सबूत व दस्तावेज पेश किए, उसने उपभोक्ता पर लगे बिजली चोरी के आरोप साबित नहीं हो सके। जिस पर अदालत ने पीडि़त की याचिका को स्वीकार करते हुए बिजली निगम को आदेश दिए कि 65 हजार 594 रुपए जुर्माना राशि पीडि़त को नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से वापस दी जाए। अधिवक्ता का कहना है कि बिजली निगम बिजली चोरी के मामलों का टारगेट पूरा करने के लिए इस प्रकार के मामले बनाती रही है, जिससे उपभोक्ता को न्यायालय की शरण लेनी पड़ती है। उपभोक्ता का कहना है कि वह बिजली निगम पर ह्रासमेंट करने का मामला भी अदालत में दायर करेगा, जिसकी उसने तैयारियां शुरु कर दी हैं।