आशा वर्करों ने धरना देकर की सरकार विरोधी नारेबाजी

IN8@झज्जर…पिछले कई दिनों से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठी आशा वर्करों ने सोमवार को भी सरकार के खिलाफ अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दिया। आज के धरने में मुख्य रूप से जसौर खेड़ी व कनौदा की पीएचसी और सीएचसी सैंटरों पर कार्यरत आशा वर्कर भाग लेने पहुंची। यहां इन सभी ने नारेबाजी के साथ अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। धरने पर आशा वर्करों को संबोधित करते हुए जिला प्रधान कविता दुल्हेड़ा ने सरकार की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि आज आशा वर्कर ही नहीं बल्कि अन्य विभागों के कर्मचारी भी सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे है,लेकिन सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दिए जाने की बजाय उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। जिसके गंभीर परिणाम सरकार को भुगतने होंगे।

धरने पर बैठी आशा वर्करों ने एक बार फिर से अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि सरकार आशा वर्करों का शोषण कर रही है। सरकार समान काम समान वेतन दिए जाने की घोषणा कर चुकी है। लेकिन इस मामले में भी आशा वर्करों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जोकि निंदनीय है। उन्होंने सरकार से समान काम समान वेतन दिए जाने की मांग करने के साथ-साथ युवाओं को रोजगार दिए जाने,ठेका प्रथा बंद करने व आशा वर्करों की सभी मांगों पर सहानुभूति विचार कर उन्हें लागू करने की मांग की। धरने में मुख्य रूप से नीलम, शर्मिला, रेखा, उषा, अनीता, बिमला, उर्मिला, पूनम सहित काफी संख्या में आशा वर्करों ने भाग लिया।