केन्द्र की मोदी सरकार देसी विदेशी इजरेदारों के सामने आत्मसमर्पण कर चुकी है

सुरेन्द्र भाटी@बुलन्दशहर शिकारपुर : केन्द्र की मोदी सरकार देसी विदेशी इजरेदारों के सामने आत्मसमर्पण कर चुकी है इसलिए वह देश की समूची कृषि, बैंक, बीमा, रेल, जहाज से लेकर सफाई के काम तक को इजरेदारों के हवाले करने की बेशर्मी से घोषणा कर रही है देश के किसान मजदूर कर्मचारी सरकार की नीयत को पहचान गए हैं| इसलिए देश की खेती को बचाने सार्वजनिक क्षेत्र को बचाने देश और देश की जनता को बचाने ,के लिए मजदूर किसान संघर्ष के मैदान में हैं |

जो जन विरोधी नीतियों को पलटने का काम करेंगे उक्त विचार अखिल भारतीय किसान सभा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य और गाजीपुर बॉर्डर के किसान आंदोलन के प्रमुख नेता डीपी सिंह ने पानी की टंकी के मैदान में सफाई कर्मचारी यूनियन और किसान सभा द्वारा आयोजित संयुक्त सभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए उन्होंने कहा कि यदि खेती पर कंपनियों का कब्जा हुआ तो सरकार द्वारा खत्म किए गए जमाखोरी कानून का फायदा उठाकर तमाम अन्न को अपने गोदामों में भरकर देश की गरीब जनता को महंगे में बेचकर गरीब जनता को भुखमरी का शिकार बनाएंगे देश की जनता अपनी रोटी को कंपनियों की तिजोरियों में कैद नहीं होने देगी|

सभा को सम्बोधित करते हुए सीटू के जिला महासचिव सुरेन्द्र सिंह, ने कहा कि देश को कंपनियों का गुलाम बनाने के उद्देश्य केन्द्र सरकार ने तमाम श्रम कानूनों का खात्मा करके चार श्रम संहिता में बदल दिया है जिसके चलते स्थाई नौकरी खत्म करके उन्हें फिक्स्ड टर्म एंप्लॉयमेंट के तहत कभी भी नौकरी से हटाया जा सकेगा मजदूरों की गर्दन बाहुबली ठेकेदारों के हाथ में होगी।

काम के घंटे 8 से बढ़कर 12 घंटे रोजाना हो जाएगा मजदूरों पर जुल्म करने वाले मालिकाना के खिलाफ श्रम विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकेगा ।