दिल्ली। नशे-मादक पदार्थ के कारोबार से जुड़े लोगों के खिलाफ चलाए हुए अभियान के दौरान नारकोटिक्स सेल, क्राइम ब्रांच में तैनात एएसआई सुधीर कुमार को गुप्त सूचना मिली कि बिशन सिंह नाम का व्यक्ति को राणा प्रताप स्कूल, रिठाला के पास किसी व्यक्ति को हीरोइन सप्लाई करने आएगा। मिली सूचना पर इंस्पेक्टर राम मनोहर के नेतृत्व में एसआई अरविंद,एसआई सुधीर कुमार, कॉस्टबाल राजेन्द्र व राजेश की गठित टीम ने एसीपी नारकोटिक्स जे.एन.झा के देखरेख में ट्रैप लगा कर बिशन सिंह को गिरफ्तार किया और दो किलो हेरोइन बरामद की।
गिरफ्तारी के बाद बिशन सिंह उर्फ़ नटिया उर्फ़ अनिल गोयल के बताने पर आधा किलो हेरोइन और भी बरामद हुआ। कुल बरामद ढाई किलो हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 5 करोड़ रूपये की है। आरोपी बिशन सिंह इससे पहले भी हेरोइन सप्लाई करने के चार बार पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। शुरूआती दिनों में बिशन सिंह अपने भाइयों के साथ शराब बेचता था।
लेकिन कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में ड्रग्स के धंधे में शामिल हो गया और अपने साथियों के साथ राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में अन्य ड्रग्स सप्लाई करने वालों से संपर्क बना के नशा खरीद फरोख्त व बेचने का काम करने लगा। 1999 में स्पेशल सेल द्वारा दर्ज एक केस में सजा सुनाए जाने के दौरान ये कोर्ट से गायब हो गया था। उस वक्त बिशन सिंह जमानत पर था। भागने के बाद बिशन सिंह ग्वालियर चला गया और अपना नाम बदल कर अनिल गोयल रख लिया ताकि पुलिस से बचा रहे।
वहां उसने मिनी ट्रक ड्राइवर का काम करना शुरू कर लिया और दो मिनी ट्रक भी खरीद लिया। उसने श्री नाथ ट्रांसपोर्ट के नाम से अपना ऑफिस भी खोल लिया और नए नाम और पहचान के साथ वहीं शादी भी कर ली। इस तरह बिशन सिंह 15 साल तक ग्वालियर में अपनी पहचान बदल के रहता रहा। 2014 में स्पेशल सेल द्वारा उसे ग्वालियर से गिरफ्तार कर लिया गया और कोर्ट से उसे 10 साल की साझा हुई l