IN8@नई दिल्ली ,(भरत निषाद): कोरोना की मार आम आदमी से लेकर हर किसी पर पड़ रही। बड़े - बड़े उद्योगों को वित्तीय घाटा झेलना पड़ रहा है। कोरोना की मार दिल्ली मेट्रो पर भी पड़ी। जाे कोरोना में कई महीने बंद रही। मेट्रो को भी वित्तीय घाटा उठाना पड़ रहा है इसी को देखते हुए दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन (समयपुर बादली-हुडा सिटी सेंटर) पर मेट्रो परिचालन और प्रबंधन का जिम्मा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने एक निजी कंपनी को सौंप दिया है। वित्तीय संकट से उबरने के लिए डीएमआरसी ने परिचालन सेवा को एक लाइन पर आउटसोर्स कर दिया है। अब इस लाइन पर निजी कंपनी के ड्राइवर होंगे। इसके लिए डीएमआरसी ने दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी में प्रशिक्षण के बाद 70 ट्रेन ऑपरेटर को येलो लाइन पर तैनात कर दिया गया है। सफलता के बाद दूसरी लाइनों पर भी इसे लागू किया जाएगा। कोरोना काल में वित्तीय संकट से जूझ रही डीएमआरसी के इस फैसले को निजीकरण की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है, लेकिन डीएमआरसी ने इससे इंकार किया है।
डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से ट्रेन ऑपरेटरों को ट्रेनिंग देने के बाद टेस्ट पास करना होगा। दक्ष होने पर ही उन्हें ट्रेन परिचालन का जिम्मा सौंपा जा रहा है। परिचालन के सेवा का प्रबंधन का जिम्मा भी कंपनी के पास होगा। इसके लिए पहले चरण में 153 ट्रेन ऑपरेटर को दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी में प्रशिक्षण के बाद चरणबद्ध तरीके से ड्यूटी पर लगाने की शुरुआत हो गई है।
मेट्रो परिचालन की देखरेख की जिम्मेवारी निजी एजेंसी को सौंपने से डीएमआरसी नई परियोजनों का विस्तार और तेजी से कर सकेंगी। 49.31 किलोमीटर के दायरे में येलो लाइन पर तैनात होने वाले ट्रेन ऑपरेटर को दक्ष बनाने के लिए डीएमआरसी की ओर से प्रशिक्षित किया जा रहा है। 70 से अधिक ट्रेन ऑपरेटर ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है, जिन्हें जल्द ही मेट्रो परिचालन की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी