स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने किया डिजिटल पुतला दहन
गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रमुख रामलीलाओं में इस बार पुतला दहन का आयोजन नहीं किया गया। हालांकि कविनगर रामलीला में आयोजन मंडली ने प्रतीकात्मक पुतला दहन किया। अधिकांश कालोनियों में बच्चों ने पटाखे फोड़कर दशहरा मनाया। घर में लोगों ने खील-बताशे और गन्ने का पूजन किया गया। कई स्थानों पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भंड़ारे का भी आयोजन किया। सुबह से ही मिठाई की दुकानों पर जलेबी और इमरिती मिठाई की खरीदारी भी खूब हुई।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने इस बार सार्वजनिक स्थानों पर एक सौ से अधिक लोगों के एकत्र न होने की अनुमति जारी की थी। कोरोना के चलते शासन-प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार रामलीला में मेले के आयोजन पर प्रतिबंध लगा था। स्वास्थ्य राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने राजनगर एक्सटेंशन में स्थित रीवर हाईट सोसायटी में एक्सपोर्ट बाजार में डिजिटल रावण दहन का दहन किया।
उन्होंने सभी को विजयदशमी पर्व की बधाई दी और कहा कि भगवान राम के आदर्शो को जीवन में उतारने से जहां मनुष्य का कल्याण होगा, वहीं पूरे विश्व में सत्य, प्रेम, सदभाव, आपसी भाईचारे की स्थापना होगी। रामलीला देखने के लिए एक सौ से अधिक व्यक्ति की अनुमति न होने से रामलीला कमेटियों ने इस बार रामलीला का मंचन नहीं किया था। घंटाघर, कविनगर, राजनगर व संजय नगर में रामलीला का मंचन नहीं हुआ।
रामलीला की परंपरा का निर्वहन करने के लिए घंटाघर व कविनगर की रामलीलाओं में रविवार को सुंदर कांड पाठ का आयोजन किया गया, इसके पश्चात भगवान राम की पूजा व आरती की गई। संजयनगर में हनुमान चालीसा का पाठ के बाद भगवान राम की पूजा व आरती आयोजित की गई। राजनगर में 22 से 24 अक्टूबर तक राम कथा का आयोजन किया गया।