- महिलाओं व बच्चों से हो रही दुष्कर्म की वारदातें
- समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
दीपक वर्मा@शामली। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर अराजकता, अपराधियों के बेखौफ होने, महिलाआंे व बच्चों के साथ दुष्कर्म की वारदातांे पर अंकुश न लगाने के विरोध में सोमवार को कलेक्ट्रेट पर जमकर हंगामा प्रदर्शन किया। सपा ने कहा कि कोरोना से अस्पतालों में लगातार मौतें हो रही हैं, किसानों को उनका बकाया भुगतान नहीं हो रहा है और सरकार चैन की नींद सो रही है। उन्होंने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर समस्याओं के समाधान की मांग की है।
जानकारी के अनुसार सोमवार को समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष अशोक चैधरी के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं ने प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ कलेक्ट्रेट में जबरदस्त हंगामा प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में इन दिनों अराजकता का माहौल है। प्रदेश में लूट, हत्या, अपहरण की घटनाएं प्रतिदिन घट रही है, महिलाओं व बच्चों से दुष्कर्म की वारदातें भी बढती जा रही है जिससे लोगों में इस सरकार के खिलाफ आक्रोश बढता जा रहा है। अनियोजित लाकडाउन के दौरान जो लाखों श्रमिक प्रदेश में अपने घर वापस आए, वे रोजगार के अभाव, आर्थिक तंगी, नौकरी न होने और कारोबारी व्यापार बंदी से मजबूर होकर आत्महत्या कर रहे हैं, किसान, मजदूर, नौजवान, बुनकर व्यापारी, महिलाएं व अल्पसंख्यक बदहाल है। प्रदेश सरकार समाजवादी सरकार के समय की 1090 और 181 महिला हेल्पलाइन जैसी सुविधा को खत्म करने जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अराजकता एवं जंगलराज कायम है। अपराधी बेखौफ हैं और जनता के जानमाल की रक्षा में पुलिस तंत्र विफल है। प्रदेश में फर्जी एनकाउंटर और हिरासत में मौतों का सिलसिला भी बढ रहा है। विपक्ष खासतौर पर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के उत्पीडन मामलों में सरकार संवेदनहीन रवैया अपनाती है। प्रदेश में महंगाई चरम पर है, स्कूल कालेज बंद है, छात्रों का भविष्य अंधकारमय है, सरकार आरक्षण खत्म करने जा रही है। उन्हांेने कहा कि सरकार टैक्नीकल संस्थाओं को प्राइवेट कंपनियों के हाथों में देना चाह रही है जो गलत है। सरकार गन्ना भुगतान को 14 दिन में करने के वादे को पूरा नहीं कर पा रही है। किसानांे के हजारों करोड रुपया बकाया है, दूसरी ओर किसान अपने बच्चों व परिवार के लिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। किसानों की जो भूमि राजमार्गाें के लिए अधिगृहित की गयी है, उसका उचित मुआवजा किसानों की सहमति से तय करके दिया जाए एवं जबरन किसानों की फसल को न उजाडा जाए। उन्होंने कहा कि बिजली बिलों में भी पिछले दो-तीन सालों में बेहताशा वृद्धि हुई है बिल वसूली के नाम पर विद्युत अधिकारियों द्वारा किसानों व उपभोक्ताओं का उत्पीडन किया जा रहा है। घरेलू व ट्यूबवैलों पर विद्युत दरों मंे जो वृद्धि की गयी है उसे वापस लेना चाहिए। कोरोना काल में स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में जो घोटाला सामने आया है उसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपकर समस्याआंे के समाधान की माग की। इस अवसर पर भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।