गाजियाबाद। शादी की पार्टी का समारोह हो और जाम न छलकें तो इसके बिना बात नहीं बनती। इसलिए किसी न किसी बहाने अधिकतर समारोहों में शराब की खपत होती ही रहती है। खासकर बारातों और पार्टियों में लोग खुलेआम शराब के नशे में धुत होकर बैंड बाजा और डीजे की धुन पर थिरकते नजर आते हैं। लेकिन आबकारी विभाग ने अपनी कार्रवाई का दायरा केवल कच्ची एवं अवैध शराब की धरपकड़ तक ही सीमित नही किया है। जिले में कोई भी समारोह होता है, वहां भी आबकारी विभाग की टीम छापेमारी की कार्रवाई करती रहती है। आबकारी विभाग ने शादी सीजन शुरु होने से पूर्व ही जिले के सभी होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं मैरिज हॉल, रिसोर्ट, कम्युनिटी सेंटर व बारात घरों को पत्र जारी कर सचेत कर दिया था कि अगर शादी व पार्टी में ऑकेजनल बार लाइसेंस (एफएल-11) प्राप्त किए बिना किसी भी परिस्थिति में शराब का सेवन कराते हुए पाया गया तो एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी। जिसमें होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं मैरिज हॉल, रिसोर्ट, कम्युनिटी सेंटर व बारात घरों के मालिक के साथ-साथ आयोजकों को भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है। हर बार की तरह इस बार भी शादियों के सीजन को देखते हुए विभाग इस पर सख्त हो गया है। शादी व पार्टी में चेकिंग के लिए अलग से टीम बनाई गई है, जो वहां पर जाकर लाइसेंस चेक करेगी और लाइसेंस नहीं मिलने पर शराब जब्त कर कार्रवाई की जाएगी।
अगर आबकारी विभाग की कार्रवाई से बचना है तो आबकारी विभाग की वेबसाइट पर जाकर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है, क्योंकि अब जिले में जाम टकराने से पहले आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना होगा। जिले के सभी होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं मैरिज हॉल, रिसोर्टस, कम्युनिटी सेंटर व बारात घर जिनमें आयोजक शादी या पार्टी के दौरान शराब का आयोजन करते हैं तो आयोजनकर्ताओं को पहले ऑकेजनल लाइसेंस लेना अनिवार्य है। आबकारी विभाग से लाइसेंस प्राप्त किए बिना किसी भी परिस्थिति में शराब का सेवन न कराया जाए। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि शादी व पार्टी में अक्सर लोग शराब की व्यवस्था करते है, लेकिन अब शासन ने बिना लाइसेंस के इस तरह के आयोजन को गैरकानूनी और अपराध की श्रेणी में शामिल किया हुआ है। ऑकेजनल लाइसेंस के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना बेहद जरुरी है। उन्होंने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं मैरिज हॉल में पार्टी आयोजित की जाती है, जिसमें आयोजक द्वारा शराब सेवन की व्यवस्था कराई जाती है। ऐसे प्रत्येक आयोजनकर्ता द्वारा आबकारी विभाग से नियमानुसार ऑकेजनल बार लाइसेंस (एफएल-11) प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। लाइसेंस नहीं लेने पर आयोजनकर्ता और संबंधित मैरिज हॉल मालिक दोनो ही पर कार्रवाई होना तय है।
गुरुवार रात को आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहार वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, मनोज शर्मा, हिम्मत सिंह, अनुज वर्मा और अभय दीप सिंह की टीम द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में संचलित होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं मैरिज हॉल मालिकों के साथ निरीक्षण किया गया। साथ ही चेतावनी भी दी गई कि अगर बिना लाइसेंस के शराब का पार्टी का आयोजन पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। टीम द्वारा रेड कार्पेट ग्रैंड पार्टी लॉन, एंबिएंस पार्टी लॉन, एन.आर. ग्रैंड फार्म हाउस, यूके रेडियंस पार्टी लॉन, एम.आर. गोल्डन फार्म हाउस, रेड कारपेट कॉन्टिनेंटल पार्टी लॉन, वेदांता फार्म हाउस की चेकिंग की गई। सभी मैरिज हॉल, पार्टी लॉन, फार्म हाउस संचालको को उनके परिसर में अन्य प्रांत की शराब पाये जाने एंव बिना लाइसेंस शराब पिलाए जाने की स्थिति में नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है।
ऑनलाइन ऑकेजनल बार लाइसेंस की प्रक्रिया
जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि ऑकेजनल बार लाइसेंस (एफएल-11) को प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट www.upexciseportal.in में जाकर यूजफुल पब्लिक सर्विसेज के आइकन पर क्लिक करके जरनल बार लाइसेंस के आइकन के अंदर प्रथम बॉक्स में रजिस्ट्रेशन कर, दूसरे बॉक्स में निर्धारित शुल्क का भुगतान कर स्वीकृत ऑकेजनल बार लाइसेंस की प्रति पोर्टल से निकाली जा सकती है। घर में ऑकलेजन बार का लाइसेंस लेने के लिए लोगों को 4 हजार एवं बाहर होटल, रेस्टोरेंट और मैरिज हाल में मदिरा की पार्टी करने के लिए 11 हजार रुपये चुकाने होगें।
जनपद में शादी का सीजन शुरू हो गया है। संभ्रांत लोग लाइसेंस लेते हैं, मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो चोरी-छिपे बोतल खरीदकर शादी-पार्टी में शराब पार्टी करते है। हालांकि किसी भी समारोह में खुलेआम शराब पिये जाने की सूचना पर छापेमारी की जाती है। होटल, रेस्टोरेंट, क्लब एवं मैरिज हॉल, रिसोर्टस, कम्युनिटी सेंटर व बारात घरों को लाइसेंस लेने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया है कि समारोह में शराब परोसने की जिम्मेदारी संबंधित क्लब एवं मैरिज हॉल के प्रंबधकों एवं आयोजनकर्ताओं की होगी। अगर बिना लाइसेंस प्राप्त किए किसी भी प्रकार के आयोजन में शराब परोसने की सूचना मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। ऑकेजनल बार लाइसेंस (एफएल-11) प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा यही नियम ढाबों पर भी लागू होगा। पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई और जुर्माना दोनों किया जाएगा। बिना लाइसेंस के शराब पिलाने वाले वालों पर कार्रवाई के लिए टीम गठित कर दी गई है और मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है।
राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी