मेघनाथ की शक्ति से मूर्छित हुए लक्ष्मण, संजीवनी ने दिया नया जीवन

  • कच्ची गढी रामलीला महोत्सव में रावण-अंगद संवाद व लक्ष्मण मूर्छा लीला का मंचन

दीपक वर्मा@शामली। कच्ची गढी गांव में चल रहे रामलीला महोत्सव में शुक्रवार की रात रावण-अंगद संवाद व लक्ष्मण मूर्छा लीला का मंचन किया गया। जानकारी के अनुसार गढीपुख्ता क्षेत्र के गांव कच्ची गढी में चल रहे रामलीला महोत्सव में शुक्रवार की रात दिखाया गया कि महाराजा सुग्रीव के निर्देश पर अंगद रावण के दरबार में पहुंचकर उसे काफी समझाता है लेकिन रावण कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होता। रावण अंगद से कहता है कि जिसने तुम्हारे पिता का वध किया तुम उसी का साथ दे रहे हो, इस पर अंगद कहता है कि तुम मेरी फ्रिक छोडकर अपनी चिंता करो। रावण क्रोध में आकर अंगद को बंदी बनाने का आदेश देता है जिस पर अंगद कहता है कि बंदी बनाना तो दूर तुम्हारा कोई भी योद्धा अगर मेरा पैर जमीन से उठा दे तो वह बिना कुछ कहे वापस लौट जाएगा, इसके बाद अंगद अपना पैर जमीन पर जमा लेता है। रावण के कई योद्धा अंगद का पैर उठाने का प्रयास करते हंै लेकिन वे उसे हिला भी नहीं पाते। यहां तक कि रावण का पुत्र मेघनाथ भी पैर को नहीं उठा पाता, इसके बाद खुद रावण अंगद का पैर उठाने के लिए पहुंचता है लेकिन अंगद कहता है कि मेरे पैर नहीं बल्कि श्रीराम के पैर पडो, वह तुम्हें क्षमा कर दंेगे। रावण के इंकार करने पर अंगद युद्ध की चेतावनी देकर वापस लौट जाता है। युद्ध शुरू हो जाने पर रावण मेघनाथ को युद्ध में भेजता है जहां लक्ष्मण और मेघनाथ का भयंकर युद्ध होता है, मेघनाथ घात लगाकर लक्ष्मण पर शक्ति का प्रयोग करता है जिसके प्रभाव से लक्ष्मणजी मूर्छित हो जाते हैं। विभीषण श्रीराम से कहता है कि लंका में सुषैण नामक वैद्य रहता है जो लक्ष्मणजी की मूर्छा भंग कर सकता है, हनुमान जी सुषैण वैद्य को लेकर आते है जो उन्हें बताता है कि अगर सूर्य उदय होने से पूर्व हिमालय से संजीवनी बूटी आ जाए तो लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं, अन्यथा नही। श्रीराम के आदेश पर हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आ जाते हैं जिससे लक्ष्मण की मूर्छा टूट जाती है। इस अवसर पर रामलीला कमेटी के प्रधान सोनू सैनी, शेखर सैनी, उप प्रधान राजीव, सूर्यप्रताप सैनी, सीताराम वर्मा, रमेश कश्यप, गौतम कश्यप, डा. राजकुमार सैनी आदि भी मौजूद रहे।