लाइसेंस लेने से नही चलेगा काम दुकानों पर रखनी होगी खुद भी नजर: सुबोध श्रीवास्तव

गौतमबुद्ध नगर। जिले में अवैध शराब के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के साथ-साथ आबकारी विभाग शराब विक्रेताओं को भी नियमों का पाठ पढ़ाने से नहीं चूक रहा है। जिससे शराब विक्रेता ग्राहकों से ओवर रेटिंग न कर सकें और साथ ही शराब की दुकानों के आसपास होने वाली अवैध शराब की बिक्री पर नजर भी रखे। शुक्रवार को जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने आशीष पाण्डेय, रवि जायसवाल, शिखा ठाकुर, गौरव चन्द, अभिनव शाही, चन्द्रशेखर सिंह, नामवर सिंह की उपस्थिति में जिले के सभी फुटकर दुकानों के अनुज्ञापियों के साथ फेज-2 स्थित कुशाग्र बंसल थोक अनुज्ञापन के परिसर में बैठक की। बैठक में जिला आबकारी अधिकारी ने अनुज्ञापियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी दशा में शराब की ओवर रेटिंग न हो, दुकानें समय से खुलें व बंद हों। अनुज्ञापी दुकानों पर स्टॉक रजिस्टर अद्यतन होना चाहिए। शराब से जुड़ी हर अवैध गतिविधि प्रत्येक दशा में बंद होनी चाहिए, यदि ऐसा नहीं होता है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने सभी आबकारी निरीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि शराब के उठान एवं गंतव्य तक पहुंचने के अनुश्रवण की पूरी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की होती है, इसलिए वे शराब के उठान आदि पर अपनी नजर रखें। अनुज्ञापी दुकानों पर सीसीटीवी कैमरा सही स्थिति में लगाए जाने के निर्देश दिए। कहा कि कैमरे में हर आने जाने वाले का चेहरा साफ दिखाई देना चाहिए। ऐसा नहीं होने से सुरक्षा प्रभावित होती है तथा कैमरा लगाए जाने का उद्देश्य भी विफल हो जाता है। उन्होंने कैमरा फुटेज रखने एवं स्टाक को नियमित रूप से देखते रहने को कहा। साथ ही दुकानों पर मौजूद शराब विक्रेताओं की हर कार्यशैली पर अनुज्ञापी खुद भी नजर रखें। विभाग से लाइसेंस लेना ही सिर्फ अनुज्ञापी के जिम्मेदारी नहीं है, अगर कोई भी अवैध गतिविधि होती है तो विक्रेता के साथ-साथ अनुज्ञापी की भी जवाबदेही तय है।

जिला आबकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने सभी अनुज्ञापियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि पॉश मशीन के माध्यम से 100 प्रतिशत बिक्री की जाए। बिना पॉश मशीन के किसी को भी शराब न बेचा जाए। बीयर दुकानों के अनुज्ञापी एक अलग रजिस्टर रख कर पॉश मशीन से किए जा रहे विक्रय का अभिलेख रखें। किसी भी दुकान पर गोपनीय टेस्ट परचेज में ओवर रेट पाया गया तो विक्रेता को जेल भेजने के साथ उसे आबकारी विभाग के पोर्टल से ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई तो होगी ही साथ ही दुकान के निलंबन की कार्यवाही भी की जाएगी। साथ ही साथ अनुज्ञापी भी खुद दुकानों का गोपनीय रूप से टेस्ट परचेज कराते रहे। आगामी दिनों में श्रावण माह शुरु होने वाला है। श्रावण माह में शुरु होने वाली कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पडऩे वाली शराब की दुकानों को काले पर्दे से ढक दिया जाए। जिससे कांवड़ियों को भी असुविधा ना हो और राजस्व का भी नुकसान ना हो। विक्रेताओं द्वारा ग्राहकों से संयमित व्यवहार किया जाए, ये सुनिश्चित करें। सीसीटीवी कैमरों का संचालन 24 घंटे हो ये भी सुनिश्चित किया जाए।

जिला आबकारी के सख्त अंदाज को देख बैठक में बैठे अनुज्ञापियों के भी होश उड़ गए। वहीं जिला आबकारी अधिकारी ने अनुज्ञापियों को चेतावनी देते हुए कहा कि दुकानों से होने वाली शराब की बिक्री के बाद यह भी ध्यान रखें के कोई भी व्यक्ति दुकान के अंदर या फिर बाहर सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन न करें। अगर कोई भी दुकान के बाहर या फिर अंदर शराब का सेवन करते हुए पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। बैठक उपरांत आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय एवं जीएसटी विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा दादरी जारचा रोड पर चेकिंग अभियान चलाया गया। कल्दा, प्यावली, सिदिपुर, जारचा रोड देशी, विदेशी, बियर दुकानों का निरीक्षण करते हुए गहनता से चेकिंग की गई। सभी दुकानों पर नियमों को सुनिश्चित कराने के साथ ही दुकानों पर गोपनीय टेस्ट परचेज करवाया गया। जहां किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं पाई गई। विक्रेताओं को निर्देश दिए गए कि अगर शराब पर अंकित मूल्यों से अधिक दाम वसूला गया तो संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सभी दुकानों पर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग सहित संचालित हो रही हैं या नहीं इसकी जांच की गई। विक्रेताओं को अधिक से अधिक ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से बिक्री करने के निर्देश दिए गए।

अवैध शराब को किया नष्ट
न्यायालय से प्राप्त आदेशों के क्रम में शुक्रवार को सहायक पुलिस आयुक्त द्वितीय सेंट्रल नोएडा गौतमबुद्ध नगर ,आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-7 आशीष पाण्डेय एवं तहसीलदार दादरी की संयुक्त टीम द्वारा थाना बादलपुर के अंतर्गत वर्ष 2022-23 के विभिन्न वादों से संबंधित अवैध शराब को नष्ट कराया गया। गौरतलब हो कि वर्ष 2022-23 में आबकारी विभाग द्वारा की गई छापेमारी, दबिश एवं चेकिंग के दौरान पकड़ी गई शराब को जब्त करते हुए थाना बादलपुर में जमा करा दिया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद थाने में जब्त शराब को जेसीबी के माध्यम से नष्ट करा दिया गया। जिससे इसका दुरुपयोग न हो सकें। नष्ट की गई शराब की कीमत करीब 40 से 50 हजार रुपये है।