गाजियाबाद। निकाय चुनाव के लिए ओबीसी आरक्षण को लेकर जमीनी स्तर पर रैपिड सर्वे की तैयारियां शुरू हो गयी है। हाल ही में सरकार द्वारा निकाय चुनाव में सीटों के ओबीसी आरक्षण को लेकर बनाए गए सदस्य उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग चोब सिंह वर्मा ने कलेक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में पहली बैठक की। जिसमें जनपद गाजियाबाद के अलावा गौतमबुद्धनगर, हापुड़, मेरठ, बागपत और बुलंदशहर के एडीएम और नगर निकाय के अधिकारी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर सदस्य चोब सिंह वर्मा द्वारा बैठक में पिछले तीन चुनाव से लेकर अब तक नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण वाले वार्डों की सूची और अनारक्षित सीटों पर ओबीसी उम्मीदवारों की जीत के आंकड़े मांगे गए। उन्होंने उपस्थित संबंधित समस्त अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अधिकारियों के द्वारा इस संबंध में गहन स्तर की कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए इस प्रकार डाटा तैयार किया जाएगा। जिससे कि अन्य जनपदों में भी उसके आधार पर अधिकारीगण कार्यवाही सुनिश्चित कर सकें। सदस्य ने कहा कि इस संबंध में ओबीसी आरक्षण को लेकर आयोग की यह प्रथम बैठक आज आहूत की गई है।
सभी अधिकारी विगत तीन निर्वाचनो को लेकर प्रत्येक नगर पालिका में कितने वार्ड हैं और कितने वालों पर प्रत्येक चुनाव में ओबीसी आरक्षित बार्ड किए गए हैं तथा उन वार्डो में कौन व्यक्ति एवं ओबीसी से किस जाति के सदस्य हैं विस्तृत डाटा तैयार करते हुए आयोग को जल्द उपलब्ध कराए। सदस्य द्वारा एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास को मंडल का नोडल अधिकारी बनाया गया। सभी जिलों के अधिकारी नोडल अधिकारी को सोमवार तक अपने जिलों का विस्तृत डाटा उपलब्ध कराएंगे।
यह डाटा यहां से कंपाइल होकर आयोग को भेजा जाएगा। इस मौके पर एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास, एडीएम प्रशासन बुलंदशहर डॉ प्रशांत कुमार, एडीएम हापुड़ श्रद्धा शांडिल्यायन, एडीएम प्रशासन मेरठ अमित कुमार सिंह, एडीएम बागपत प्रतिपाल सिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर गौतमबुध नगर कोमल पंवार, समस्त संबंधित जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत उपस्थित रहे। यह बैठक ओबीसी आरक्षण को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है।
ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले पर काम करते हुए पिछड़ा आयोग अपनी रिपोर्ट शासन को देगा जिसके बाद ओबीसी आरक्षण का फॉर्मूला तय होगा। बैठक में गाजियाबाद के अलावा मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर व बागपत जिले के अधिकारी शामिल हुए। हालांकि इस बैठक में सभी जिलों के डीएम को सम्मिलित होना था जिनके स्थान पर सभी जिलों के एडीएम ने इसमें प्रतिभाग कर सूची प्रस्तुत की।