गाजियाबाद। शराब तस्करों पर निगरानी बढ़ाये जाने के बाद माफिया सतर्क हो गए हैं। वह तस्करी कर लाई गई शराब छिपाने के लिए नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। आबकारी विभाग के अनुसार, माफिया बाहरी राज्यों से शराब तस्करी के लिए कभी लग्जरी कार तो कभी दूध के टैंकर से अलावा कई नए पैंतरे अपना रहे है।
अवैध शराब की तस्करी की शिकायतों के बीच आबकारी ने शराब माफिया के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है। अकेले आबकारी विभाग ने अगस्त माह में करीब एक दर्जन से अधिक लोगों को शराब तस्करी के मामले में जेल भेज चुकी है। साथ ही उनके शराब छिपाने के अड्डों को भी ध्वस्त भी किया जा चुका है। आबकारी विभाग की सख्ती के बाद कुछ दिन शराब माफिया शांत रहे। अब उन्होंने दोबारा अवैध शराब का धंधा शुरू कर दिया है। इस बार वह प्लानिंग के तहत बोलेरो पिकअप में बने तहखाने के नीचे करीब 6 लाख रुपए की हरियाणा शराब से भरी पेटियों को छुपाया हुआ था और उसके ऊपर फल के खाली क्रेट भरे हुए थे। जिससे चेकिंग के दौरान आसानी से बच सकें। शराब माफिया का यह कोई नया पैंतरा नहीं है, जिसे वह अपना के आबकारी विभाग की आंखों में धूल झोंक सकें।
शराब माफिया हरियाणा से शराब की पेटियों को लेकर दिल्ली पुलिस को चकमा देकर गाजियाबाद की सीमा से होते हुए शामली लेकर जा रहे थे। मगर आबकारी विभाग की टीम ने उससे पहले इनके इरादों को एक पल में धूमिल कर दिया। लेकिन आबकारी विभाग की टीम को देखकर चालक और परिचालक अंधेरे का फायदा उठाकर स्टार्ट गाड़ी को छोड़कर मौके से फरार हो गए। गाजियाबाद से सटे दिल्ली बॉर्डर इलाकों में शराब तस्करों पर आबकारी विभाग की पैनी नजर रहती है लेकिन तस्कर भी नए नए तरीके अपनाकर आबकारी विभाग की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश करते हैं। शातिरों का अंदाज शराब तस्करी में इतना अलग है कि वह दिनों दिन बढ़ती जा रही शराब तस्करी में शराब से भरी गाड़ियों को अपने ठिकाने तक पहुंचाने में चालक को बीच-बीच में बदल देते है। चालक भी 10 से 20 हजार रुपए अतिरिक्त मिलने के लालच में इस धंधे में उतर जाते है।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया सोमवार रात को मुखबिर से सूचना मिली की हरियाणा शराब की पेटियों से भरी महिन्द्रा बोलेरो पिकअप गाड़ी दिल्ली से होते हुए ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे डासना के रास्ते शामली जाने वाली है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, राकेश त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, हिम्मत सिंह, मनोज शर्मा, अनुज वर्मा की टीम गठित की गई। आबकारी निरीक्षकों की टीम ने प्रवर्तन मेरठ प्रवर्तन आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार एवं रणविजय सिंह की टीम के साथ मिलकर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे डासना टोल प्लाजा पर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी गई। करीब रात को 11 बजे मुखबिर द्वारा बताए गए बोलेरो पिकअप गाड़ी को दूर से रुकने का इशारा किया।
टीम को देख चालक ने गाड़ी रोककर स्टार्ट गाड़ी को छोड़कर चालक व परिचालक अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। जब गाड़ी की चेकिंग की गई तो गाड़ी में फल के खाली क्रेट रखे हुए थे। उन्हें हटाया गया तो पिकअप वाहन में बने गुप्त चैंबर से 75 पेटी रॉयल स्टैग ब्रांड की विदेशी शराब हरियाणा मार्का (19 पेटी पव्वा, 37 पेटी अद्धा और 19 पेटी बोतल) बरामद किया गया। पकड़ी गई शराब की कीमत करीब 6 लाख रुपए है। महिंद्रा पिकप बोलेरो के डैशबोर्ड से गाड़ी का आरसी एवं इंश्योरेंस पेपर बरामद हुआ। बरामद गाड़ी शाहरुख पुत्र हारून निवासी नई बस्ती कांधला जनपद-शामली की है। गाड़ी से बरामद आरसी पेपर के आधार पर वाहन स्वामी एवं एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ थाना मसूरी में आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराते हुए गाड़ी को सीज कर दिया गया।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि शराब माफिया शराब की खेप को अपने ठिकाने तक पहुंचाने के लिए कई तरह का हथकंडा अपना रहे है। लेकिन शराब के साथ गिरफ्तार हो रहे तस्करों के पकड़े जाने से इनके नए-नए तरकीबों का पता चल रहा है। शराब तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए टीम हाईवे, चेक पोस्ट और ट्रेन, बस के साथ तस्करों के संबंधित ठिकानों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। बरामद शराब शामली में सप्लाई के लिए लेकर जा रहे थे। शराब तस्करों से निपटना कभी आसान नहीं रहा है, मगर अच्छी नीयत, ठोस रणनीति और बगैर दबाव के काम किया जाए तो परिणाम अच्छे मिलते हैं। उन्होंने कहा कि शराब माफिया को यह जान लेना चाहिए कि गाजियाबाद में उनकी दाल गलने नहीं दी जाएगी। इसके बाद भी यदि कोई शराब तस्कर या उसका गुर्गा नहीं मानता तो नियमानुसार कानूनी कार्रवाई करने को विभाग पीछे नहीं हटेगा। तस्करों के गुर्गों पर भी विभाग की पैनी नजर है।