अनुज्ञापी के बेटे का लालच ले डूबा शराब की दुकान, अधिक कमाई के लिए लाइसेंसी दुकान से बेचता था चंडीगढ़ की शराब

लखनऊ। जिले में अवैध शराब के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए लाइसेंसी दुकान की आड़ में चल रहे अवैध शराब के कारोबार का भंडाफोड़ किया है। जिले में आबकारी अधिकारी की कमान संभालने के बाद से ही राकेश कुमार सिंह अपनी कार्रवाई का हर दिन नया रिकॉर्ड स्थापित कर रहे है। जिले में अवैध शराब का कारोबार करने वाले माफिया हो या फिर लाइसेंसी या उस धंधे में कोई इंस्पेक्टर ही क्यों न शामिल हो, उनके खिलाफ कार्रवाई करने से बिल्कुल भी परहेज नहीं कर रहे है। आबकारी अधिकारी की कार्रवाई का ही असर है कि लखनऊ जिले में शराब पर ओवर रेटिंग का मामला शून्य स्तर पर है। चार्ज संभालने के बाद से अभी तक एक लाइसेंस निलंबन और आबकारी निरीक्षकों पर कार्रवाई कर चुके है। इसके बाद फिर से एक लाइसेंसी पर आबकारी अधिकारी की गाज गिरी है। कुछ दिन बाद दशहरा का पर्व है और उसके बाद दिवाली, भैया दूज और छठ पूजा आदि त्योहार है। त्योहार के बीच बढ़ती खपत को जहां एक और शराब माफिया अपने अवैध कारोबार को बढाने के लिए नए-नए तरीकों का इजाद कर रहे है, वहीं शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए आबकारी विभाग की टीम भी हर दिन नई रणनीति के तहत कार्रवाई को अंजाम दे रही है।

आबकारी विभाग की कार्रवाई के आगे शराब माफिया के सभी जुगाड़ नाकाम साबित हो रहे है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए लाइसेंसी शराब की दुकान में चल रहे अवैध शराब के कारोबार का खुलासा करते हुए करीब 10 लाख रुपये की अवैध शराब को बरामद किया है। त्योहार में शराब की खपत बढऩे के साथ तस्कर ने अवैध शराब की भरी पेटियों को लाइसेंसी दुकान में छिपा दिया और लाइसेंसी भी अधिक कमाई के लालच में अवैध शराब का कारोबार करने लगा। किसी को शक न हो इसके लिए चंडीगढ़ की सस्ती शराब पर यूपी का क्यूआर कोड, महंगी शराब का ढक्कन लगाकर ग्राहको को बेच रहा था। जैसे ही इसकी सूचना आबकारी अधिकारी को लगी तो बिना देरी किए उन्होंने आबकारी निरीक्षकों की तीन टीम गठित की और उक्त दुकान पर छापेमारी करने के लिए भेज दिया। जैसे टीम दुकान के अंदर पहुंची तो दुकान और उसके आसपास हड़कंप मच गया। क्योंकि एक दुकान पर आबकारी विभाग की इतनी बड़ी फोर्स को देख सभी हैरान थे। दुकान पर रखी शराब का जब विभाग की टीम ने क्यूआर कोड को स्कैन किया तो नकली शराब का मामला पकड़ में आया। धीरे-धीरे जब सभी शराब चेक कि गई तो दुकान के अंदर छिपा रखी चंड़ीगढ़ मार्का की करीब 10 लाख की शराब बरामद किया गया। लाइसेंसी के लालच ने उसे बर्बाद कर दिया। ग्राहकों को नकली शराब बेच रहे विक्रेता को आबकारी विभाग की टीम ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। घटना की जानकारी जैसे ही शराब तस्कर और लाइसेंसी को पता चली तो वह जिला छोड़कर फरार हो गए।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया जिले में उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश के आदेश के क्रम में पुलिस आयुक्त एवं जिलाधिकारी के निर्देशन में आगामी त्योहारों के दृष्टिगत अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री और तस्करी पर प्रभावी रोकथाम के लिए विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीमें लगातार छापेमारी एवं दबिश की कार्रवाई कर रही है। बुधवार रात को मुखबिर से सूचना मिली कि थाना बिजनौर स्थित नटकूर क्षेत्र में विदेशी शराब अनुज्ञापी प्रेमवती पति स्व. मुनेश जायसवाल के यहां पर गैर राज्य की अवैध रुप से शराब तस्करी हो रही है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक लक्ष्मी शंकर वाजपेयी, विवेक सिंह और विजय की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम को उक्त दुकान पर दबिश देने के लिए भेजा गया। आबकारी निरीक्षकों की संयुक्त टीम द्वारा थाना बिजनौर, अंतर्गत नटकूर विदेशी मदिरा दुकान और आस पास के इलाकों में दबिश दी गई। दुकान की तलाशी के दौरान दुकान के काउंटर के अंदर रखी शराब की विभिन ब्रांड के बोतल, अद्धा तथा पौवा आदि को विभागीय ऐप से स्कैन और भौतिक सत्यापान किया गया।

जांच में कुछ मदिरा के अद्धे तथा पौवो पर चस्पा क्यूआर कोड व लगे ढक्कन नकली पाए गए। दुकान की जब संघन तलाशी ली गई तो विक्रेता द्वारा दुकान के अंदर पिछले हिस्से में बड़ी ही चतुराई से छिपाकर रखी कुछ पेटियां दिखी। जिन पर किसी भी ब्रांड का नाम नहीं था। जब इन पेटियों को खोलकर देखा गया तो उसके अंदर से चंडीगढ़ मार्का की विदेशी शराब बरामद किया गया। दुकान से कुल 1440 बोतल मदिरा एक के ऊपर एक छुपाकर रखी 120 पेटियां पाई गई। इसके अलावा दुकान के अंदर से रोल बनाकर रखे गए 1005 नकली क्यूआर कोड और एक बड़ी बोरी में भरकर ब्लेंडर ब्लैक, रॉयल स्टैग, इम्पीरियल ब्लू, मैकडोवेल ब्रांड के कुल 6141 नकली ढक्कन बरामद किया गया। प्लास्टिक के दो बोरो में विभिन्न ब्रांडों की खाली शीशियां भी बरामद किया गया। पकड़ा गया विक्रेता शराब माफिया और अन्य कर्मचारियों की मदद से दुकान के अंदर ही चंडीगढ़ की शराब पर महंगी यूपी शराब का लेवल लगाता था और कबाड़ी से खरीदी गई विभिन्न ब्रांड की खाली बोतलों में चंडीगढ़ की शराब भरकर उस ढक्कन और क्यूआर कोड चस्पा कर देता था। जिससे ग्राहकों को शक न हो। दरअसल दुकान पर शराब के शौकीन शराब खरीदते समय सिर्फ बोतल पर यूपी स्टेट की लगी मुहर को देखते है। जिसका फायदा शराब विक्रेता को मिल रहा था। दुकान पर मौजूद विक्रेता हिमांशु जायसवाल की मां प्रेमवती पति स्व. मुनेश जायसवाल के नाम से विदेशी शराब का लाइसेंस है।

बाहरी राज्यों की शराब तस्करी में विशाल जायसवाल पुत्र महेंद्र चन्द्र जायसवाल निवासी नजीरगंज हसनगंज लखनऊ इस कार्य में मेरा सहयोग कर रहा था। विशाल ही फर्जी ढक्कन, क्यूआर कोड, विभिन्न ब्रांड शराब की खाली बोतल और चंडीगढ़ की शराब लाकर देता था। जिसे दोनों चंडीगढ़ की शराब को यूपी ब्रांड की महंगी शराब की खाली बोतल में भरकर उस पर क्यूआर कोड, ढक्कन लगाकर ग्राहकों को बेचते थे। जिसमेंं उन्हें अधिक फायदा होता था, क्योंकि चंडीगढ़ की शराब की जो बोतल 300 से 400 की होती थी, उस शराब को यूपी के ब्लेंडर ब्लैक, रॉयल स्टैग, इम्पीरियल ब्लू, मैकडोवेल ब्रांड की खाली बोतल में भरकर ग्राहकों से मोटी कमाई करते थे। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया शराब विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और लाइसेंसी प्रेमवती और शराब तस्कर विशाल जायसवाल के खिलाफ भी थाना बिजनौर में मुकदमा दर्ज कराया गया है। दुकान के अंदर रखें सभी स्टॉक को जब्त कर दुकान अनुज्ञापन के निलंबिकरण की कार्यवाही की जा रही है। चंडीगढ़ कि बरामद शराब की कीमत करीब 10 लाख रुपये है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। साथ ही इंस्पेक्टरों को भी दुकानों पर संघन चेकिंग करने के निर्देश दिए गए है।

अनुज्ञापी का रिश्तेदार करता था चंडीगढ़ शराब की सप्लाई
त्योहार को लेकर अवैध शराब के कारोबार को बढ़ाने के लिए शराब तस्कर ने एक नया तरीका खोजा था। जिले में अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। आबकारी विभाग की कार्रवाई के डर से शराब तस्कर ने अपने धंधे को बढ़ाने के लिए अपने अनुज्ञापी रिश्तेदार को ही अपने धंधे में शामिल कर लिया। लाइसेंसी दुकान की आड़ में चंडीगढ़ की शराब तस्करी कर लखनऊ के लोगों को यूपी के दामों में बेचता था। अधिक कमाई के चक्कर में अनुज्ञापी भी लालच में आ गया और उसके साथ शामिल हो गया। सूत्रों का कहना है कि पहले तो दुकान पर मिलावटी शराब की कुछ पेटियां ही रखकर बेचते थे। मगर त्योहार के सीजन में शराब को खपाने के लिए सोमवार रात को ही लाइसेंसी दुकान में चंडीगढ़ शराब की पेटियों को उतारा गया था। दुकान बंद होने के बाद रात में खाली बोतल में चंडीगढ़ की शराब भरने का काम होता था और फिर दिन होते ही बीच-बीच में यूपी शराब के बीच चंडीगढ़ शराब को बेचते थे। दुकान पर जैसे भीड़ हो जाती तो मिलावटी शराब की बोतल को ही बेचना शुरु कर देते थे।

अनुज्ञापी के लालच ने दिया 60 लाख का झटका
कहते है लालच बुरी बला है, लेकिन अगर जब लालच आ जाए तो शुरु में कमाई और उसके बाद अगला-पिछला सब लूटकर ले जाता है। थाना बिजनौर स्थित नटकूर में मौजूद विदेशी शराब के नाम से अनुज्ञापी प्रेमवती और उसके बेटे (विक्रेता) हिमांशु जायसवाल भी लालच का शिकार हो गए। त्योहार में अधिक कमाई के लिए अपने रिश्तेदार शराब तस्कर विशाल जायसवाल के साथ मिलकर लाइसेंसी शराब की दुकान से ही अवैध रुप से शराब तस्करी कर काम करने लगे। विक्रेता के लालच ने न सिर्फ 10 लाख की चंडीगढ़ की शराब का नुकसान कराया है, बल्कि दुकान में मौजूद करीब विभिन्न ब्रांड के यूपी शराब की 300 पेटियों में रखी 30 लाख की शराब का भी झटका दिया है। इसके अलावा सरकार को लाइसेंस की एवज में दी गई 18 लाख रुपये की लाइसेंस फीस भी 6 माह में खत्म हो गई। इसके साथ मिलावटी शराब के तहत आबकारी अधिनियम के तहत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। भविष्य में लाइसेंस अब आबकारी विभाग से लाइसेंस भी नहीं मिलेगा।

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