हरियाणा डीसी के आदेश पर पहुंची थी टीम, खनन बंद कराने के लिए नहीं दिखा सकी दस्तावेज
संवाददाता@ कैराना। यमुना खादर के नंगलाराई में वैध पट्टे पर चल रहे बालू खनन पर कार्रवाई करने के लिए हरियाणा प्रशासन पहुंच गया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची स्थानीय प्रशासन की टीम के साथ में घंटों वार्तालाप हुई। हरियाणा प्रशासन ने खनन की भूमि को हरियाणा के किसानों की बताया, तो यूपी प्रशासन ने यूपी की सीमा में होने की बात कही। इस दौरान खनन पर कार्रवाई करने के लिए हरियाणा प्रशासन दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा सका, जिसके बाद टीम को बेरंग ही लौटना पड़ा।
कैराना क्षेत्र के ग्राम नंगलाराई में यूपी सरकार की ओर से वैध बालू खनन का पट्टा आवंटित है, जिस पर बालू खुदाई का कार्य किया जा रहा है। पिछले दिनों हरियाणा के कुछ किसानों ने वैध पट्टे की आड़ में उनकी भूमि से अवैध रूप से खनन करने का आरोप लगाते हुए हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर हरियाणा से राजस्व टीम नंगलाराई में खनन प्वाइंट पर भूमि की निशानदेही करने पहुंची थी। रविवार को हरियाणा डीसी के आदेश पर एक बार फिर हरियाणा के पानीपत से जिला खनन अधिकारी डॉ. माधवी गुप्ता, एसडीएम संभालखा साहिल गुप्ता, सीओ प्रदीप कुमार, बापौली तहसीलदार नरेश कौशल, एसएचओ सनौली सुरेंद्र सिंह पुलिस टीम के साथ में कार्रवाई करने के लिए नंगलाराई में पहुंच गए। इधर, सूचना मिलने पर कैराना से एसडीएम देवेंद्र सिंह, सीओ प्रदीप सिंह भी मौके पर पहुंचे। जहां दोनों प्रदेशों के अधिकारियों के बीच घंटों तक वार्तालाप हुई। इस दौरान हरियाणा प्रशासन ने खनन को बंद कराए जाने की बात कही। दावा किया कि हरियाणा के किसानों की भूमि से अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। किसानों ने इस बाबत हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है। टीम ने डीसी के आदेशों का भी हवाला दिया। इस पर स्थानीय पशासन ने वैध बालू खनन पट्टा यूपी की सीमा में होने की बात कही। साथ ही, यह भी कहा गया कि यदि वैध पट्टे की आड़ में हरियाणा के किसानों की भूमि से अवैध रूप से खनन किया जा रहा है, तो जमीन संबंधी दस्तावेज मुहैया कराएं, जिसके बाद खनन को बंद करा दिया जाएगा। एसडीएम देवेंद्र सिंह ने हरियाणा प्रशासनिक टीम को कहा कि वैध पट्टे की आड़ में अवैध रूप से खनन पाए जाने पर दंडनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके बाद हरियाणा की टीम बेरंग ही लौट गई। उधर, एसडीएम देवेंद्र सिंह का कहना हैै कि नंगलाराई में पहुंची टीम के पास में खनन बंद कराने के लिए कोर्ट के आदेश नहीं थे। टीम मौके पर भूमि के स्वामित्व संबंधी कागजात भी नहीं दिखा सकी है। इसके बाद टीम को वापस भेज दिया गया है।