दूध के लिए यहां-वहां भटकते रहे लोग, पैकेटों से चलाना पडा काम
दीपक वर्मा@ शामली। ईद-उल-फितर के त्यौहार के मौके पर शहरवासियों को दूध की भारी किल्लत से जूझना पडा। दूध की दुकानों पर सुबह के समय लोगों की भीड लगी रही लेकिन दूध विक्रेताओं ने दूध न होने की बात कहते हुए वापस लौटा दिया, इस दौरान नियमित ग्राहकों को अन्य दिन के मुकाबले काफी कम दूध ही मिल सका, लोगों ने पैकेटों का दूध खरीदकर किसी तरह काम चलाया। दूसरी ओर मिठाई की दुकानों पर भी लोगों की भीड लगी रही, इनमें ज्यादा संख्या मुस्लिमों की रही जिन्होंने त्यौहार को लेकर मिठाईयों की खरीददारी की।
जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लाॅक डाउन में सोमवार को ईद का त्यौहार शहर में सादगीपूर्ण तरीके से मनाया गया। त्यौहार को देखते हुए जिला प्रशासन ने केवल दूध व मिठाई की दुकानों को ही सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक खोलने की अनुमति दी थी जबकि अन्य दुकानों पूरी तरह बंद रखने के निर्देश दिए थे। सुबह के समय पूरे शहर में दूध की भारी किल्लत पैदा हो गयी। शहर में कई स्थानों पर स्थित दूध की दुकानों पर लोगों की भीड लगी रही लेकिन वहां भी उन्हें मायूसी हाथ लगी।
दूध विक्रेताओं ने अपने नियमित ग्राहकों को भी कम ही दूध उपलब्ध कराया जबकि नकद पैसे देकर दूध लेने वालों को मना करना पडा। दूध की तलाश में लोग यहां-वहां भटकते रहे। लोगों को पैकेटों के दूध खरीदकर काम चलाना पडा। दूसरी ओर हलवाईयों की दुकानों पर भी मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड देखी गयी जहां उन्होंने मिठाईयों की खरीददारी की। शहर के धीमानपुरा, बडा बाजार, नया बाजार, हनुमान रोड, फव्वारा चैंक, विजय चैंक, दिल्ली रोड, माजरा रोड, टंकी रोड आदि स्थानों पर हलवाईयों की दुकानें खुली रही। मुस्लिमों ने अपने हिन्दू मित्रों के घर पहुंचकर उन्हें मिठाई भेंट की। हिन्दुओं ने भी सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए उन्हें ईद की बधाई दी।