कांग्रेस व आप ने दिया चक्का जाम को समर्थन

  • सपा ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन, विधयेक वापस लेने की मांग

दीपक वर्मा@शामली। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि अध्यादेशों के विरोध में भाकियू द्वारा किए गए चक्का जाम को कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने भी अपना समर्थन दिया। कांगे्रस जिलाध्यक्ष दीपक सैनी ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों की कमर तोडने का काम कर रही है। किसानों का बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हो रहा है जिस कारण उसे परेशानियों का सामना करना पड रहा है वहीं अब सरकार द्वारा कृषि अध्यादेश लाकर किसानों को पूरी तरह बर्बाद करने का काम किया है। इस सरकार मंे किसान, मजदूरों की सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार केवल पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। उन्होंने सरकार से इन अध्यादेशों को तुरंत वापस लेने की मांग की। वहीं आम आदमी पार्टी जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी मौके पर पहुंचकर भाकियू को अपना समर्थन दिया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है, भाजपा द्वारा असंवैधानिक तरीके से जो किसान विरोधी विधेयक पास किए हंै, उसके विरोध में आप पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खडी है। उन्होंने कहा कि किसानों का उत्पीडन किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस अवसर पर विनोद बालियान, संजीव श्योरान, सवित मलिक, सचिन मलिक, सुनील कुमार, मुबारिक अली, परवेज आलम खान आदि भी मौजूद रहे। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी कृषि अध्यादेशों का कडा विरोध जताते हुए राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर इन अध्यादेशों को तुरंत वापस लिए जाने की मांग की। पार्टी जिलाध्यक्ष अशोक चैधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे तथा राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकार की भाजपा सरकारों की नीतियों से किसान और मजदूरों को गहरा आघात लग रहा है। इन नीतियों से कारपोरेट घरानों को ही फायदा होगा जबकि किसानों और श्रमिकों की बदहाली और बढेगी। कृषि और किसान के साथ श्रमिक ही कठिन समय में देश की अर्थव्यवस्था को संभालता है, पर अब अन्नदाता को ही हर तरह से उत्पीडन का शिकार बनाया जा रहा है। यदि कृषि और श्रमिक कानूनों को वापस न लिया गया तो प्रदेश में खेती बर्बाद हो जाएगी और श्रमिक बंधुआ मजदूर बनकर रह जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आवारा पशु किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं, खेत मालिक चैकीदार बनकर अपने खेतों की सुरक्षा कर रहे हैं। सडकों पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है, सरकार इनकी रोकथाम को कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने किसान और श्रमिक विरोधी कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग की। इस अवसर पर मांगेराम मलिक, विजय कौशिक, जावेद जंग, प्रदीप सिम्भालका, सुरेन्द्र ताना, शिवराज, हरजीत चैधरी, अनुज पंवार, अनुज जावला, भूपेन्द्र सिंह, खुशनूद आदि भी मौजूद रहे।

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अध्यादेश निरस्त करने की मांग
शामली। भारतीय किसान मजदूर संयुक्त यूनियन ने भी राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर केन्द्र सरकार द्वारा पारित कृषि अध्यादेशों को तुरंत निरस्त कइरने की मांग की। यूनियन के अध्यक्ष राजवीर सिंह मुंडेट के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। राजवीर सिंह ने कहा कि इन अध्यादेशों से किसान बर्बाद हो जाएगा। किसान पहले से ही बकाया भुगतान व अन्य समस्याओं से जूझ रहा है, अब सरकार द्वारा किसानों पर कृषि अध्यादेशों के रूप में कुठाराघात किया गया है। उन्होंने राष्ट्रपति से किसान विरोधी इन अध्यादेशांे को निरस्त करने की मांग की। इस अवसर पर लक्ष्मीचंद, राजपाल, सतेन्द्र सिंह, जयपाल सिंह, शाहदीन, शीतल प्रसाद, भारत भूषण, राजपाल सिंह, अरशद आदि भी मौजूद थे।