पलायन को मजबूर लोगों की पीड़ा नहीं हुईं कम

मीट प्लांट के खिलाफ फिर की डीएम से शिकायत, सरकारी मशीनरी पर भी उठाए सवाल
संवाददाता@ कैराना। मीट प्लांट की बदबू और फैल रही भयंकर बीमारियों से पलायन को मजबूर लोगों की पीड़ा अभी कम नहीं हुईं हैं। इस बाबत लोगों ने एक बार फिर डीएम को शिकायती पत्र भेजा है। उन्होंने घनी आबादी में मीट प्लांट के संचालन को लेकर सरकारी मशीनरी पर भी सवाल उठाए हैं। पीड़ितों ने मीट प्लांट से उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने की फरियाद लगाई है।
कैराना निवासी अजय रोड व राहुल सिंह ने चार दर्जन से अधिक लोगों के हस्ताक्षरयुक्त एक शिकायती प्रार्थना पत्र डीएम को भेजा है। पत्र में उन्होंने बताया कि कैराना कांधला रोड पर घनी आबादी के बीच मीम एग्रो फूड्स नामक एक कत्लखाना (बूचड़खाना) कुछ लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो पूर्व में गगन सिनेमा हॉल था। इस मीट प्लांट में बड़े पैमाने पर बीमार पशुओं व दुधारू गोवंशों का कटान होता है और खून को जमीन के अंदर पहुंचाया जा रहा है, जिस कारण क्षेत्र में कैंसर, टीबी व अन्य गंभीर बीमारियां फैल रही है। नलकूपों का पानी भी दूषित हो गया है, जिससे स्वच्छ पेयजल का संकट गहरा गया है। दूषित पानी पीने के कारण लोग बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। वहीं, मीट प्लांट से निकलने वाले धुएं से क्षेत्र में बदबू ने सांस लेना भी दुश्वार कर दिया है। इससे दमे की बीमारी भी पैर पसार रही है। इतना ही नहीं, मीट प्लांट से अत्यधिक मात्रा में कीड़े उत्पन्न हो रहे हैं। इसके खिलाफ पूर्व में क्षेत्र की जनता के बाहर आंदोलन भी कर चुकी है, लेकिन इस संबंध में कोई प्रभावी कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है। पत्र में कहा गया कि मीट प्लांट से उत्पन्न होने वाली समस्याओं और फैलती बीमारियों के कारण लोग खासतौर पर पलायन करने को मजबूर हैं। उन्होंने मीट प्लांट से उत्पन्न हो रही समस्याओं से निजात दिलाए जाने की गुहार लगाई है।

मकानों पर लिखवा चुके हैं बिकाऊ
मीट प्लांट से त्रस्त मोहल्ला दरबारखुर्द रेतावाला के कई परिवार अपने घरों पर श्मकान बिकाऊ हैश् भी लिखवा चुके हैं। इन लोगों का दर्द यह है कि कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी मीट प्लांट पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। मीट प्लांट के धड़ल्ले से हो रहे संचालन से उन लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। वह बेहद परेशान हैं।

सरकारी मशीनरी पर उठाए सवाल
डीएम के भेजे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि मीट प्लांट संचालकों को छूटभैया नेताओं व रिश्वतखोर अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। उनका कहना है कि मीट प्लांट के मालिक व कर्मचारी सरकारी मशीनरी को मोटी रिश्वत देकर गलत तरीकों से मांगों के विरुद्ध अपना लाइसेंस जारी करवा लेते हैं, जिस कारण क्षेत्र में भारी आक्रोश भी व्याप्त होने की बात कही गई है।

निरीक्षण पर पहुंचे एसडीएम, दी क्लीन चिट
मीट प्लांट का मामला सुर्खियों में आने के बाद एसडीएम उद्भव त्रिपाठी ने निरीक्षण पर पहुंचे। उन्होंने मीट प्लांट का निरीक्षण करने के बाद फिलहाल क्लीन चिट दे दी है। एसडीएम उद्भव त्रिपाठी का कहना है कि तीन-चार दिन पहले उन्होंने मीट प्लांट का निरीक्षण किया था। जहां पर व्यवस्था दुरुस्त पाई गई है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि मीट प्लांट में प्रदूषण की जांच के लिए क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देशित भी किया है।