IN8@ गुरुग्राम – नर सेवा नारायण सेवा का ध्येय लेकर समाजसेवा के कार्य में जुटे धार्मिक संस्था कालका मां सेवा समिति के अध्यक्ष समासजेवी देवेंद्र गोयल व मधु गोयल ने जम्मू कश्मीर के कटरा में जरुरतमंद लोगों को राशन वितरित करने के लिए राशन सामग्री से भरे ट्रक को सैक्टर 17ए स्थित अपने आवास से कालका मां के जयघोष के साथ रवाना किया। टीम के सदस्यों में उत्साह देखा गया। देवेंद्र गोयल ने टीम के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण देश ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हुआ है। सभी कोविड-19 से बचाव मे जुटे हुए हैं। इस दौरान लोगों के कारोबार तक ठप्प हो गए हैं।
जरुरतमंद लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि मानव सेवा ही ईश्वर सेवा के समान है। इसलिए दुखी व्यक्ति की मदद करें, इससे बड़ा दूसरा कोई कार्य नहीं होता है। वहीं जो भी काम हो उसे समय पर पूरा करना चाहिए। इससे काम सफल होते हैं। दान देने से बड़ा पुण्य किसी भूखे को भोजन कराने से मिलता है।
संस्था के प्रवक्ता दलीप लूथरा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान समिति के अध्यक्ष देवेंद्र गोयल व मधु गोयल ने न्यू रेलवे रोड स्थित मां कालका की रसोई स्थापित कर 27 मार्च से 3 मई तक लगातार 37 दिनों तक जरुरतमंद लोगों को भोजन कराया। उनकी टीम व उन्होंने स्वयं अधिक से अधिक लोगों तक भोजन पहुंचाने का कार्य किया, ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। उन्होंने करीब 15 लाख से अधिक लोगों तक भोजन पहुंचाया। सुबह-शाम दोनों समय ताजा खाना तैयार किया जाता था, ताकि लोगों को हर बार अलग-अलग प्रकार का खाना मिल सके। खाना पैक करके भेजने के अलावा मंदिरों के बाहर बैठे लोगों, पुलिस नाकों पर पुलिसकर्मियों के लिए भी खाना भेजा गया था। उनके इस कार्य की सराहना स्थानीय विधायक सुधीर सिंगला, मेयर मधु आजाद, निगमायुक्त विनय प्रताप सिंह व संयुक्तायुक्त महावीर प्रसाद सहित शहरवासी भी कर चुके हैं। उनका कहना था कि संस्था ने वैश्विक महामारी के दौरान जनसेवा करने का बखूवी निर्वहन किया। इस अवसर पर गुडग़ांव टैंट डीलर वेल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल सलूजा, भगवान दास गोयल, देवेंद्र कुमार गोयल, मधु, हर्ष गोयल, मानसी गोयल, मनदीप सिंह, अमन सहगल, कुणाल सलूजा, पंकज गुप्ता, आशीष गुप्ता, सोनू सिंह, गीता आदि मौजूद रहे।
गौरतलब है कि समिति के अध्यक्ष देवेंद्र गोयल डायलिसिस पीडि़त हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उनमें समाजसेवा की कोई कमी दिखाई नहीं दी। उन्होंने अस्वस्थ होने के बावजूद भी रसोई को निरंतर 37 दिन तक जारी रखा और जरुरतमंद लोगों तक भोजन पहुंचाया था। उन्होंने अपनी देखरेख में यह कार्य कराया।