स्कूलों की एक तिहाई फीस माफ करने की मांग

30 सितम्बर से पूर्व न खोले जाएं स्कूल, आॅनलाइन क्लास पर भी लगे रोक
लाॅक डाउन में आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे अभिभावकों ने व्यक्त की पीडा
दीपक वर्मा@ शामली। अभिभावक संघ ने लाॅक डाउन के कारण आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे अभिभावकों को राहत प्रदान करने हेतु बच्चों के स्कूलों की एक तिहाई फीस माफ करने, 30 सितम्बर से पूर्व स्कूल न खोलने सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने व छोटे बच्चों की आॅनलाइन कक्षाओं पर रोक लगाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। जानकारी के अनुसार अभिभावक संघ ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर अपनी पीडा जाहिर की है। इस दौरान अभिभावकों ने हनुमान रोड स्थित वर्मा मार्किट के बाहर हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन भी किया। उनका कहना है कि देश में कोरोना महामारी के कारण लाॅक डाउन होने के चलते अभिभावक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। प्रदेश में जून में स्कूल बंद हुए लगभग तीन महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है, बंद स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर लगातार फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है और फीस जमा न करने पर आॅनलाइन क्लास बाधित की जा रही है। पिछले तीन महीने से निजी स्कूलों से कोई सुविधा अभिभावकों द्वारा नहीं ली गयी है जैसे क्लास रुम स्टडी, लैब, ग्राउंड, बिजली आदि स्कूलों द्वारा बच्चों को बिना अनुमति के आॅनलाइन क्लास दी गयी है वो भी आधी अधूरी तैयारी के साथ और इसका खर्च भी बेहद कम होता है लेकिन स्कूल लगातार अभिभावकों पर फीस जमा करने का दबाव बना रहे हैं। शासन द्वारा दिए गए आदेश को लेकर स्कूल संचालक कोर्ट पहुंच गए जहां लाखों रुपये फीस लेने वाले वकील कपिल सिब्बल को खडा किया है। अब सवाल उठता है कि जब निजी स्कूलों के पास वकीलों की फीस देने को लाखों रुपये है तो एक तिहाई फीस माफी के लिए क्यों नहीं। उन्होंने सभी निजी स्कूलों को एक तिहाई फीस माफी के आदेश जारी करने की मांग की। अभिभावक संघ ने सरकार से मांग की कि 30 सितम्बर से पूर्व स्कूलों को न खोला जाए क्योंकि अभी तक जारी सभी एडवाइजरी में छोटे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है। एक सर्वे के अनुसार 97 प्रतिशत अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं है। अगर स्कूल खोले जाते हैं तो यह एक घातक कदम होगा। उन्हांेने कहा कि प्रदेश के सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू किया जाए। स्कूलों द्वारा बिना किसी तैयारी के बच्चों की आॅनलाइन क्लास शुरू की गयी है जिसका अतिरिक्त भार उस पर अभिभावक पर पडा जो कोविड-19 के चलते वर्क फार होम द्वारा अपना कार्य कर रहा है। आॅनलाइन क्लास के लिए मोबाइल फोन, लैैपटाॅप एवं इंटरनेट कनेक्शन जुटाने का कार्य सिर्फ अभिभावकों को करना था, स्कूलों को नहीं। इसलिए तमिलनाडु सरकार की तरह उत्तर प्रदेश सरकार को भी कक्षा पांच तक के बच्चों की आॅनलाइन क्लास पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए। इस अवसर पर सुखचैन वालिया, विकास धीमान, आकाश वर्मा, विवेक प्रेमी, अजय पंवार, प्रदीप विश्वकर्मा आदि भी मौजूद रहे।