हाॅट स्पाॅट में रहने वालों में मुस्लिमों में मायूसी

कैसे मनाएंगे ईद का त्यौहार

दीपक वर्मा@ शामली। कोरोना संक्रमण केस मिलने के बाद हाॅट स्पाॅट बनाए गए पंसारियान, कलंदरशाह व सलेक विहार मंे रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों में ईद के पर्व को लेकर मायूसी छायी हुई है। उनका कहना है कि खरीददारी के लिए बाहर भी नहीं निकल सकते, ऐसे में किस प्रकार वे अपना त्यौहार ईद मना पाएंगे। जिंदगी में पहली बार हुआ है जब घरों में ही रहकर ईद मनानी पड रही है। सोमवार को ईद है और वे घरों में कैद होकर रह गए हैं।
जानकारी के अनुसार कोरोना केस मिलने के बाद मौहल्ला पंसारियान, कलंदरशाह व सलेक विहार को पूरी तरह सील कर हाॅट स्पाॅट बना दिया गया है। गलियों के बाहर बैरिकेटिंग दी गयी है वहीं लोगों को घरों से बाहर न निकलने की भी कडी हिदायत दी जा रही है। इन हाॅट स्पाॅट में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोेगों में अब ईद का पर्व मनाने को लेकर भी मायूसी छायी हुई है। उनका कहना है कि ईद-उल-फितर का पर्व वे हर साल पूरे धूमधाम व उल्लास से मनाते थे, दोस्तों, रिश्तेदारों को घर बुलाकर उन्हें ईद की बधाई दी जाती थी, अपने हिन्दू दोस्तों के घर जाकर उन्हें मिठाई भेंट कर गले मिलकर ईद की पर्व मनाया जाता था लेकिन इस बार इस कोरोना महामारी ने त्यौहार के उत्साह पर पानी फेर दिया है। वे घरों में ही कैद होकर रह गए हैं, बाहर पुलिस का कडा पहरा है इसलिए बाहर नही निकल सकते।

बाजारों में जाकर खरीददारी करने तक की छूट नहीं है, बच्चे बाजार जाकर नए कपडे, जूते व ईद का सामान लाने की जिद कर रहे हैं, अब उन्हें कैसे समझाएं कि मौहल्ले से बाहर नही निकल सकते। वहीं परिवार की महिलाओं व युवाओं के चेहरों पर भी उदासी साफ देखी जा सकती है। महिलाओं का कहना था कि पहले वे तीन-चार दिन पूर्व ही ईद की तैयारियों में जुट जाती थी, घर की साफ सफाई का काम चलता था, बाजारों में सेवईयां, मेवों सहित अन्य सामानों की खरीददारी करती थी लेकिन इस बार इस कोरोना महामारी ने त्यौहार का रंग फीका कर दिया है, वे घरों ही रहकर ईद का पर्व मनाने की तैयारी कर रही हैं, वहीं युवाओं का कहना था कि वे प्रत्येक साल ईद पर नए कपडे, जूते व अन्य सामानों की खरीददारी करते थे, अपने यार दोस्तों के घर जाकर मुबारकबाद देते थे, दावत देते थे लेकिन इस बार शायद यह मुमकिन नहीं है। वहीं बुजुर्गों का कहना था कि ऐसा पहली बार हुआ है जब घर पर ही रहकर ईद मनानी पड रही है। मौहल्ले में हाॅट स्पाॅट बनने से न तो किसी के घर जा सकते हैं और न ही किसी को अपने यहां बुला सकते हैं, सोमवार को ईद है और उनके सामने समस्या खडी हो गयी है। दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा हाॅट स्पाॅट में रहने वाले लोगों के लिए होम डिलीवरी की सुविधा भी दी गयी है जहां लोग जरूरी सामान वालिंटियरों द्वारा मंगा सकते हैं।