कृषि सुधार विधेयक: किसानों को कहीं भी फसल बेचने की आजादी

एजेंसी @ दिल्ली: राज्यसभा में कृषि संबंधी विधेयकों को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच पास कर दिया गया है। लोकसभा से पहले ही पास हो चुके कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को राज्यसभा ने भी मंजूरी दे दी है। विपक्ष ने जहां विधेयकों को प्रवर समिति में भेजने की मांग की तो सरकार ने विपक्ष की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि ये विधेयक किसानों के लिए कांतिकारी साबित होंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की उपज की खरीद एमएसपी पर ही की जाती रहेगी, इस बारे में कोई संशय नहीं होना चाहिए। 

कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को सदन में पेश किया, जिस पर लंबी चर्चा हुई। हालांकि, बिल को पारित किए जाने से पहले विपक्ष के कई सदस्यों ने काफी हंगामा किया। वेल में आकर हंगामा करते हुए कुछ सांसदों ने बिल की कॉपी फाड़ी, रूल बुक को उपसभापति पर उछाला तो आसन के माइक को भी तोड़ डाला। इसके बाद कुछ देर के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

विधेयकों पर चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष की ओर से व्यक्त किए गए चिंताओं को दूर करने की कोशिश की। हंगामे के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पीएम मोदी जी ने 2014 में कामकाज संभालने के बाद कहा था कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए उनकी सरकार काम करेगी। इसके लिए यह सिर्फ यही बिल कारगर नहीं है। किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए छह सालों में कई प्रयास किए गए हैं। 

इससे पहले कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इन विधेयकों को पेश करते हुए कहा कि इन विधेयकों के प्रावधानों के अनुसार, किसान कहीं भी अपनी फसलों की बिक्री कर सकेंगे और उन्हें मनचाही कीमत पर फसल बेचने की आजादी होगी। उन्होंने कहा कि इनमें किसानों को संरक्षण प्रदान करने के प्रावधान भी किए गए हैं। तोमर ने कहा कि इसमें यह प्रावधान भी किया गया है कि बुआई के समय ही कीमत का आश्वासन देना होगा।