-भाजपा विधायक पति समेत 8 नामजद
विनोद पांडेय @ गाजियाबाद। मोदीनगर में डेढ़ साल पहले हुए दीपेंद्र उर्फ दीपू हत्याकांड में नामजद आरोपी अक्षय सांगवान (29) को कृष्णा कुंज कॉलोनी में उसके घर से बुलाकर बाइक सवार 6 बदमाशों ने गोलियों से भून डाला। इस हत्याकांड में मोदीनगर थाने मेंं मोदीनगर से भाजपा विधायक डॉ. मंजू सिवाच के पति डॉ. देवेंद्र सिवाच, गांव तिबड़ा के ग्राम प्रधान पति आशीष, सक्कू गुर्जर, दीपेंद्र की बहन रूबी, अमित, आदित्य, अश्वनी और विकास समेत 8 लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
थाने मेंं एफआईआर दर्ज होने के बाद विधायक डॉ.मंजू सिवाच के ऑफिस के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। पुलिस सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है। एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन ने बताया कि हत्याकांड में नामजद आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की पांच टीमें लगाई गई हैं।
इनमें क्राइम ब्रांच,मोदीनगर, भोजपुर,निवाड़ी थाने की टीम लगाई गई हैं। मोदीनगर की कृष्णा कुंज कॉलोनी में सोमवार रात करीब 7.50 बजे तीन बाइक पर सवार बदमाशों ने अक्षय सांगवान की घर से बुलाकर तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। तीन माह पहले ही इलाज के लिए कोर्ट से जमानत पर आया था। परिजन उसे जीवन नर्सिंग होम में लेकर पहुंचे,जहां चिकित्सकों ने अक्षय को मृत घोषित कर दिया।
आक्रोशित परिजनों ने दिल्ली-मेरठ हाईवे पर प्रदर्शन करते हुए जाम लगाया। एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन, सीओ मोदीनगर सुनील कुमार सिंह, मोदीनगर कोतवाल जयकरण सिंह ने आसपास के थानों की फोर्स के साथ बमुश्किल हालात को काबू किया। बता दें कि डेढ़ साल पहले गांव तिबड़ा निवासी दीपेंद्र उर्फ दीपू की हत्या कर दी गई थी।
दीपेंद्र की हत्या के मामले में अक्षय सांगवान व उसके भाई सहित पांच लोगों को नामजद कराया गया था। उस समय गोली लगने से अक्षय भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। तिबड़ा रोड की कृष्णा कुंज कॉलोनी में रहने वाला अक्षय सांगवान 17 अप्रैल 2019 को दीपेंद्र की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में नामजद था। दीपेंद्र की हत्या के मामले में पुलिस ने अक्षय व उसके भाई सनी समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
वारदात में अक्षय को भी गोली लगी थी। उसका कुछ दिन पुलिस अभिरक्षा में इलाज चला था। तीन माह पूर्व इलाज के लिए ही उसे कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया था। अक्षय का भाई सनी अभी भी जेल में है। अक्षय चौधरी का 22 अगस्त को जन्मदिन था, जिसे उसने घर पर ही मनाया था। सोमवार रात वह घर पर था। तभी किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन उसके पास आया। अक्षय घर से बाहर निकला इसी बीच बाइक पर आए दो युवकों ने उस पर हमला बोल दिया।
बाइक से आए, कार से फरार हुए अक्षय की हत्या के लिए बाइक सवारों के अलावा एक कार भी आई थी। हमले के बाद बाइक सवार आरोपित भागे, लेकिन आगे पकड़े जाने का खतरा देख बाइक छोड़ दी और कार में बैठकर फरार हो गए। पुलिस ने बाइक बरामद कर ली है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। पुलिस ने अक्षय का मोबाइल कब्जे में ले लिया हैं। बता दें कि शराब के ठेेके की कैंटीन के विवाद में दो की हत्या हो गई है।
अक्षय और दीपेंद्र की हत्या के पीछे का विवाद एक कैंटीन को लेकर शुरू हुआ था। दीपेंद्र की एक देशी शराब के ठेके के पास कैंटीन थी। अक्षय के पिता जितेंद्र ने भी पास में कैंटीन खोल ली थी। इस पर दोनों पक्षों में विवाद हुआ, जिसके बाद दीपेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई।इस हत्या के बाद सोमवार की रात पुलिस ने ट्रैफिक वन-वे कराया,9.45 बजे आरआरएफ के साथ मिलकर पुलिस ने जाम खुलवाया।
दिल्ली-मेरठ हाईवे पर करीब छह किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। अक्षय की हत्या से नाराज लोगों ने सोमवार की रात साढ़े आठ बजे जीवन अस्पताल के बाहर हंगामा करते हुए दिल्ली-मेरठ हाईवे जाम कर दिया, इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक लोग सड़क पर बैठे रहे। एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन का कहना है तिबड़ा रोड स्थित कृष्णाकुंज कॉलोनी में हुई अक्षय की हत्या के मामले में पुलिस ने मृतक अक्षय चौधरी के पिता की तहरीर पर आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। अक्षय हत्याकांड में सभी नामजद आरोपितों के घरों पर दबिश दी जा रही है। पुलिस की पांच टीमें गिरफ्तारी के लिए लगाई गई है। सीसीटीवी फुटेज में कई अहम सुराग हाथ लगे है। हत्यारोपितों को जल्द गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया जाएगा।