सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता ने कलेक्ट्रेट में किया आत्मदाह का प्रयास, हड़कंप

-घटना के 6 माह बाद थाने में दर्ज कराया था मुकदमा

विनोद पांडेय @ गाजियाबाद। कलेेक्ट्रेट पर मंगलवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब, सामूहिक दुष्कर्म पिडि़ता ने आरोपियों की गिरफ्तारी एवं इंसाफ की मांग को लेकर खुद पर तेल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। इस घटना से पुलिस में हड़कंप मच गया।

पीडि़ता का कहना है कि पिछले साल पुलिस ने 3 आरोपियों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस मामले में मसूरी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें पुलिस ने एक को जेल भेजा है और वह भी जमानत पर छूट गया है।

अब तीनों आरोपी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर उसके विकलांग भाई को मारकर झूठे मुकदमे में जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। पीडि़ता का कहना है कि थाने से लेकर एसएसपी तक शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके चलते उसके पास आत्महदाह के अलावा कोई दुसरा रास्ता नही बचा है।

मसूरी क्षेत्र निवासी युवती का कहना है कि 3 लोगों द्वारा 27 अगस्त 2019 को उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। सामूहिक दुष्कर्म के बाद आरोपियों ने उसे दिल्ली के रूप नगर थाना क्षेत्र में सड़क पर बेहोशी की हालत में मरने के लिए छोड़ दिया था। इस संबंध में मसूरी पुलिस मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी शफीक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जबकि बाकी दो आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। शफीक भी जमानत पर रिहा हो चुका है।

पीडि़ता का आरोप है कि तीनों आरोपी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने पर वह उसके विकलांग भाई की हत्या कर झूठे केस में जेल भिजवाने की धमकी दे रहे हैं। पीडि़ता का कहना है कि इस संबंध में उसने एसएसपी से भी शिकायत की थी। आरोपियों की धमकी के चलते वह और उसका भाई अलग-अलग स्थानों पर छुपकर अपनी जान बचा रहे हैं। पीडि़ता का कहना कि उसके मां-बाप भी नहीं है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस के चक्कर काट-काट कर थक गई है। पुलिस की लापरवाही से नाराज होकर उसने कलेक्ट्रेट पर आत्मदाह की कोशिश की।

मसूरी थाना प्रभारी उमेश पंवार ने बताया कि 27 अगस्त 2019 को पीडि़ता युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में भाई का साला शहजाद पुत्र रईस, साले का दोस्त शफीक पुत्र अमीर अहमद एवं एक अज्ञात समेत तीन के खिलाफ 21 फरवरी 2020 को मुकदमा दर्ज कराया गया था। 9 मार्च 2020 को शफीक को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पीडि़ता के खिलाफ भी मेरठ लिसाडी में मुकदमा दर्ज है, जो कि उसकी भाभी ने लिखवाया है। घटना के 8 माह बाद पीडि़ता ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पीडि़ता के मामले की जांच आईओ कमलेश कुमार कर रहे है, जो कि कोरोना पॉजिीटिव है और क्वाटाइन चल रहे है।