शिक्षकों ने मांगा दस हजार का राहत पैकेज, दी आंदोलन की चेतावनी


कोरोना महामारी के चलते बंद पडे विद्यालयों के शिक्षकों ने सीएम को भेजा ज्ञापन
समस्याओं का समाधान होने पर आंदोलन की चेतावनी
दीपक वर्मा@ शामली। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कोरोना महामारी के चलते बंद पडे विद्यालयों के शिक्षकों व उनके परिवारों को भुखमरी से बचाने के लिए कम से कम दस हजार रुपये राहत पैकेज के रूप में देने की मांग की हैै। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान न किया गया तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पडेगा।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुमार के नेतृत्व में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन देते हुए बताया कि कोरोना महामारी के चलते सभी विद्यालय बंद हैं और शिक्षकों को मार्च से वेतन नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण शिक्षक के सामने भुखमरी की समस्या खडी हो गयी है। शिक्षकों के परिवारों को भुखमरी से बचाने के लिए कम से कम दस हजार रुपये का राहत पैकेज शिक्षकों के खाते में भेजने की व्यवस्था किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि शिक्षक लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली एवं एनपीएस के सुचारू रखरखाव की मांग करते आ रहे हैं लेकिन सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह मौन है। सरकार ने कोविड-19 में रेड जोन में शिक्षकों के जीवन को जोखिम में डालकर जबरदस्ती परिषदीय परीक्षा 2020 का मूल्यांकन कराया है, वहीं आगामी तीन महंगाई भत्ते रोककर तथा एनपीएस में सरकार के 14 प्रतिशत की हिस्सेदारी को 10 प्रतिशत कर शिक्षक विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। इसके अलावा समाज कल्याण जैसे अन्य भत्ते भी स्थायी रूप से रोक दिए गए हैं जिसका शिक्षक विरोध करते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो लाॅक डाउन के बाद शिक्षक आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस अवसर पर रजनीश कुमार, नीरज कुमार बेनीवाल सहित अन्य शिक्षक भी मौजूद रहे।