पहले कबूल , कबूल ,कबूल उसके महज चंद घंटे बाद तलाक,तलाक,तलाक

सुरेन्द्र सिंह भाटी@बुलंदशहर पहले कबूल… कबूल…..कबूल और उसके महज 5 घंटे में तलाक… तलाक… तलाक… जी हां ऐसा ही एक मामला जनपद बुलंदशहर में सामने आया है। कस्बा औरंगाबाद में शादी-ए-ख़ाना-आबादी में हुई महज एक कुर्सी पर बैठने को लेकर बात तलाक तक पहुंच गई।

औरंगाबाद निवासी युवती का दिल्ली के सीलमपुर निवासी युवक से 27 जनवरी को निकाह होना तय हुआ था। अपने वक़्त पर बारात वधू पक्ष की दरबाजे पर पहुंची। गर्मजोशी से सारी रस्में निभाई गईं और बारातियों के भोजन के बाद काज़ी ने दूल्हा-दुल्हन का निकाह भी पढ़ाया।लेकिन कुछ घण्टों के बाद ही शादी की खुशियां उस वक्त रंज में तब्दील हो गईं जब दूल्हे ने हाथों पर मेहंदी लगाए बैठी दुल्हन को एक मामूली सी बात पर दूल्हे ने तलाक़ दे दिया।

जानकारी के अनुसार दूल्हे के साथ आई उसकी दादी से वधू पक्ष के किसी व्यक्ति ने कुछ देर के लिए वह कुर्सी मांग ली जिस पर वो बैठी थीं।बस फिर क्या था इसी बात को लेकर हंगामा इतना बढ़ गया कि शादी के कुछ ही घंटों में तलाक़ की नौबत आ गई।


बताया गया कि दादी से कुर्सी मांगने को वर पक्ष के लोगों ने घोर अपमान माना और इसी बात से नाराज होकर दूल्हे ने शादी तोड़ दी। जब वधू पक्ष को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने मैरिज होम में अंदर से ताला laga लिया और दूल्हे समेत बारातियों को बंधक बना लिया। हालांकि बाद मै दूल्हे पक्ष के द्वारा शादी में हुए खर्च अदा करने की बात पर दोनों पक्षों में सहमति बनी और तलाक़ के बाद बारात वापस बिना दुल्हन लिए ही दिल्ली बापिस लौट गई ।