पेट्रोल व डीजल के दामों में वृद्धि पर रालोद का विरोध

राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर की तेलों के दाम करने की मांग
दीपक वर्मा@ शामली। राष्ट्रीय लोकदल ने पेट्रोल व डीजल के दामों में की गयी वृद्धि के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर तेलों का दाम करने की मांग की है। वहीं रालोद ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजकर मिलों पर बकाया किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान कराए जाने की भी मांग की।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय लोकदल जिलाध्यक्ष योगेन्द्र चेयरमैन के नेतृत्व में मंगलवार को दर्जनों कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल के दामों में की गयी बढोत्तरी पर आक्रोश जताते हुए राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पेट्रोल के दामों में 5 से 6 रुपये की वृद्धि की गयी है। आज देश व पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है, लोगों के सब तरह के कारोबार बंद हो गए हैं और लोगों को जीवन यापन करने के लिए परेशानियों का सामना करना पड रहा है, इन सबके बावजूद भी पेट्रोल व डीजल के मूल्यों में बढोत्तरी आम जनता की मुश्किलें और बढा देंगी। डीजल में वृद्धि का सीधा असर आम जन मानस पर पडता है क्योंकि इससे सभी तरह के किराये में वृद्धि हो जाती है और जरूरत की चीजें भी महंगी होती है। इस समय सरकार को तेलों के दामों में कमी कर जनता को राहत देनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति से पेट्रोल व डीजल के दाम कम करने की मांग की है। वहीं दूसरी ओर रालोद ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा है कि पिछले 15 दिनों से चीनी मिल शामली में किसानों के गन्ने की आपूर्ति हेतु टैªक्टर ट्राली व भैंसा बोगियों की लंबी लाइनें लगने से करीब 30 से 40 घंटे बाद किसान की तौल हो सकी। लगातार धूप में खडे रहने के कारण गन्ने में काफी सूखन आ गयी है। चीनी द्वारा करीब आठ लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गयी है। किसानों का कहना है कि गन्ने में लगभग पांच प्रतिशत की सूखन आयी है जिससे उन्हें करीब 40 हजार रुपये का नुकसान उठाना पडा है और इन सबकी कीमत करीब एक करोड तीस लाख रुपये होती है जिसकी भरपाई चीनी मिल शामली या सरकार द्वारा न्यायचित्त होगा। उन्होंने कहा कि गन्ना सत्र समाप्त होने के बाद भी किसानों को अभी तक बकाया भुगतान नहीं हुआ है जिससे किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं इसलिए गन्ने का भुगतान भी जल्द से जल्द होना चाहिए। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश्वर बंसल, अशरफ अली खां, रजनीश कोरी, अब्दुल गफ्फार, सर्वेश सिम्भालका आदि भी मौजूद थे।