IN8@सिरसा…..हरियाणा भर के किसान संगठनों द्वारा बीती 6 अक्तूबर को सिरसा में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व बिजली मंत्री रणजीत सिंह के घर का घेराव के ऐलान से शुरू हुआ किसानों का विरोध रातभर जारी रहा।
कृषि बिलों के विरोध में सिरसा में बरनाला रोड पर किसानों का धरना मंगलवार को रातभर चलता रहा। हालांकि कल दिन में पुलिस की तरफ से वाटर कैनन और लाठीचार्ज के बावजूद किसान भूमणशाह चौक पर डटे रहे, मगर बुधवार सुबह पुलिस इन्हें खदेडऩे में कामयाब रही। स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव भी यहां धरना देने के लिए पहुंच गए थे। पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने कुल 40 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन पहुंचा दिया। वही दूसरी ओर जैसे ही किसान संगठनों को इस बात की जानकारी मिली कि बाबा भूमणशाह चौक पर धरने पर बैठे किसानों को पुलिस ने खदेड़ दिया है तो उन्होने डबवाली सिरसा रोड़ पर स्थित गांव साहुवाला प्रथम के नैशनल हाईवे को जाम करने को लेकर इकटठा होना शुरू कर दिया। देर शाम तक किसानों ने इस हाईवे को जाम रखकर बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार शाम को किसानों ने भूमणशाह चौक पर पड़ाव डालने का ऐलान किया। किसानों ने वहीं लंगर लिया और रात को वहीं पर सोए।
योगेंद्र यादव, प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा सहित अनेक किसान नेता धरनास्थल पर रहे। किसान नेताओं ने ऐलान किया कि जब तक उपमुख्यमंत्री व बिजली मंत्री त्यागपत्र देकर उनके साथ नहीं आ जाते, उनका धरना जारी रहेगा। रातभर डटे भी रहे, मगर बुधवार सुबह करीब 10 बजे डीएसपी कुलदीप सिंह, एसडीएम डॉ. जयवीर यादव की अगुवाई में की गई कार्रवाई में पुलिस ने धरनास्थल पर बिछाई गई दरियों वगैरह को भी कब्जे में ले लिया और धरनास्थल से वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी।इस दौरान अनेक किसान सडक़ पर लेट गए, जिन्हें पुलिस ने जबरन उठाकर बसों में डाला। करीब आधा घंटे बाद स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव धरनास्थल पर पहुंचे और कहा कि वह यहीं धरना देंगे, इसके बाद वे चौक में अपने पांच छह साथियों के साथ बैठ गए। बाद में पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया।उधर डिप्टी सीएम आवास की तरफ जाने वाली सडक़ पर भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने कहा कि किसी को कानून अपने हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को प्रदर्शन में उपद्रव करने वालों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
योगेंद्र यादव ने कहा कि गिरफ्तारी से किसान डरने वाला नहीं है। किसान सडक़ों पर आ गया है और अब नहीं डरेगा। किसानों पर दमन कर पुलिस ने फिर पिपली की याद दिला दी है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन कानून वापस लेने तक जारी रहेंगे। वहीं किसान नेता प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा ने कहा कि भाजपा ने किसानों के आंदोलन को दबाने का प्रयास भी किया है। बीते दिवस भाजपा ने आंदोलन को दबाने के लिए अपने गुंडे भेजे, पत्थरबाजी करवाई। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन नहीं थमेगा। वही दूसरी ओर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सहसचिव का० तिलक राज विनायक, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सहसचिव का० विजय ढुकड़ा, हरियाणा किसान सभा के वरिष्ठ नेता का० स्वर्ण सिंह विर्क व का० हरदेव सिंह संधु के शिष्ट मण्डल ने जिला उपायुक्त से मुलाकात कर कृषि विरोधी काले कानूनों एवं बिजली बिल 2020 को रद्द करवाने व उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला व बिजली मंत्री चौ० रणजीत सिंह को भाजपा की खट्टर सरकार से बाहर आने हेतु दबाव बनाने के लिए शांतिपूर्ण रूप से संघर्ष कर रहे किसानों की अगुवाई कर रहे सी.पी.आई. के जिला सचिव जगरूप सिंह चौबुर्जा, योगेन्द्र यादव, प्रहलाद सिंह भारूखेड़ा$$, मनदीप सिंह रतिया सहित 150 के करीब गिरफ्तार किसानों को शीघ्र रिहा करने व शांतिपूर्ण संघर्ष करने का अधिकार बहाल किए जाने सम्बन्धी ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में वामपंथी नेताओं ने गत दिवस पुलिस द्वारा किसानों पर पानी की बौछार व बल प्रयोग किए जाने की भी कड़े शब्दों में निंदा की। ज्ञापन में केन्द्र सरकार से भी आग्रह किया गया है कि वह शीघ्र इन काले कानूनों को रद्द करे व किसानों के सब्र का इम्तेहान न ले।