मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज में ऊर्जा संरक्षण व नियंत्रण पर दो दिवसीय कार्यशाला

आस मोहम्मद@ नूंह-मेवात…..मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज नूह में ऊर्जा संरक्षण व नियंत्रण पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जो शुक्रवार को पूरी हो गई, कार्यशाला ऑनलाइन रही। जिसमें सभी प्रतिभागियों से ऑनलाइन तरीके से अपने विचार साझा किए। इस कार्यशाला में 350 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला के मुख्या वक्ता हरियाणा वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद शाहीन आईएएस थे, जबकि एनआईटी जालंधर के पूर्व निदेशक प्रो मोइनुद्दीन, इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के डॉ संजय अग्ररावल, प्रोफेसर मुहम्मद रिजवान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय विशेषज्ञ वक्ता थे।
 कॉलेज के इंचार्ज व हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासनिक अधिकारी इम्तियाज खिज़र ने सभी वक्ताओं सहित प्रतिभागियों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि अक्षय ऊर्जा आज के युग में बहुत जरूरी है, हरियाणा वक्फ बोर्ड ने इस बात को समझते हुए सौर उर्जा प्लांट बोर्ड व कॉलेज में भी लगाए हैं और मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज ने जो ये कदम उठाया है उससे आम जन में अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण व उसके नियंत्रण को लेकर जागरूकता पैदा होगी। इस कार्यशाला का फायदा आगे चलकर शोधकर्ताओं को भी होगा।

कॉलेज के निदेशक प्रोफेसर डॉ ख्वाजा मुहम्मद रफी ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण पर की गई कार्यशाला ना केवल शिक्षकों व छात्रों को फायदा पहुंचाने का काम करेगी बल्कि इलाके को भी नई दिशा देने का काम करेगी। मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज में सभी मिलकर बीते एक साल में लगभग 25 कार्यशाला कर चुके हैं जो अलग अलग विषयों पर आधारित रही, आगे भी और कार्यशाला कराई जाएंगी।
डॉ रफ़ी ने कहा कि सभी लोगों को अपने अपने घरों व दफ्तरों में छोटी छोटी चीजों का ध्यान रखकर ऊर्जा को बचाना चाहिए। छात्रों व शिक्षकों को अपने परिवार व आसपास में इन बातों को फैलाना चाहिए। उन्होंने हरियाणा वक्फ बोर्ड व हरेडा विभाग सहित सभी आला अधिकारियों का धन्यवाद किया। 
डॉ शाहीन खान ने कहा कि दो दिन की कार्यशाला सफल रही जिसमें 350 के आसपास प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। शिक्षकों के साथ साथ छात्रों ने भी हिस्सा लिया व समाज के आम लोगों ने भी हिस्सा लिया। अगले हफ़्ते भी इसी विषय पर ही ऑनलाइन चर्चा होगी। कार्यशाला में जिले के शिक्षा अधिकारी अनूप सिंह जाखड़ ने भी शिरकत की। 


आयोजन समिति के सदस्य सहायक प्रोफेसर वसीम अकरम ने कहा कि कोरोना के समय में कार्यशाला को पूरी तरह से ऑनलाइन करने पर बल दिया है और शिक्षकों ने सोशल डिस्टेंस का पालन पूरी तरह से किया। 
सहायक प्रोफेसर मुहम्मद शाहिद ने कार्यशाला को ऑनलाइन करने की जिम्मेदारी निभाई। सहायक प्रोफेसर नसीम अहमद ने सभी लोगों को धन्यवाद दिया। 
इस दौरान  समशाद अली सहायक प्रोफेसर, शाहिना बानो, श्याम सुंदर कौशिक, डॉ ताजीम, नीति मालिक, सहित कई प्रोफेसर मौजूद थे।